अमित पांडेय, खैरागढ़. छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अब जैव विविधता को लेकर रूची और जागरुकता बढ़ानी होगी. हम ऐसा इसलिये कह रहे हैं, क्योंकि हाल ही में CGPSC ने RTO SI परीक्षा में जैव विविधता से जुड़ा एक सवाल पूछा है जिसकी पूरी जानकारी लल्लूराम डॉट कॉम ने सबसे पहले प्रकाशित की थी. सवाल था जीपीएस टैग लगा व्हिंब्रेल (Whimbrel) पक्षी को लेकर. दरअसल, प्रदेश की जैव विविधता में यह नया और ऐतिहासिक नाम 18 मई को जुड़ा, जब खैरागढ़-बेमेतरा के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित गिधवा-परसादा वेटलैंड के पास पहली बार GPS टैग लगा व्हिंब्रेल (Whimbrel) पक्षी रिकॉर्ड किया गया था.
बता दें, GPS टैग लगा व्हिंब्रेल पक्षी मेडागास्कर के पास स्थित ला रीयूनियन द्वीप से अपनी 4,000 से 6,000 किलोमीटर की लंबी उड़ान भरते हुए कई देशों से होते हुए छत्तीसगढ़ पहुंचा. इस पक्षी को 7 मार्च को ला रीयूनियन में टैग किया गया था. से ऑर्निथोलॉजिस्ट्स की एक टीम ने अपने कैमरे में कैद किया, जिसमें अविनाश भोई,डॉ. हिमांशु गुप्ता, और जागेश्वर वर्मा जैसे पक्षी प्रेमी शामिल थे. उनकी मेहनत से यह दुर्लभ क्षण छत्तीसगढ़ में हमेशा के लिए दर्ज हो गया है. इस दुर्लभ घटना की खबर और और व्हिंब्रेल पक्षी के संबंध में विस्तृत जानकारी लल्लूराम डॉट कॉम में सबसे पहले प्रकाशित हुई, जिसके बाद छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की RTO SI परीक्षा (1 सितंबर 2024) में इस पक्षी पर आधारित प्रश्न पूछा गया है.
यह छत्तीसगढ़ की प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रवासी पक्षियों पर पूछा गया संभवत: पहला प्रश्न है, जिसने छात्रों के बीच पक्षी संरक्षण और जैव विविधता के प्रति रुचि और जागरूकता को बढ़ाया. पूर्व में प्रकाशित हुई पूरी खबर के लिए इस लिंक पर जाएं: छत्तीसगढ़ में पहली बार दिखा जीपीएस लगा प्रवासी पक्षी, 4000-6000 किमी की दूरी तय कर पहुंचा है व्हिंब्रेल…
गिधवा-परसादा वेटलैंड: प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग
गिधवा-परसादा वेटलैंड, जो हर साल हजारों प्रवासी पक्षियों का स्वागत करता है, अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रहा है. यहां की हरियाली, शुद्ध जल और अनुकूल वातावरण व्हिंब्रेल जैसे पक्षियों के लिए आदर्श है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह वेटलैंड न केवल प्रवासी पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय पर्यावरणीय संतुलन को भी बनाए रखने में मदद करता है.
जैव विविधता और जागरूकता का संदेश
इस घटना ने न केवल पक्षी प्रेमियों के बीच उत्साह पैदा किया है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी रेखांकित किया है. CGPSC परीक्षा में इस पर आधारित प्रश्न का शामिल होना, राज्य में जैव विविधता से जुड़े विषयों की ओर ध्यान आकर्षित करता है. यह घटना छात्रों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने और राज्य की समृद्ध जैव विविधता को समझने का अवसर प्रदान करती है.
देखें प्रवासी पक्षी Whimbrel का वीडियो:
छत्तीसगढ़ में जीपीएस टैग लगे व्हिंब्रेल का रिकॉर्ड होना, न केवल जैव विविधता संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह घटना परीक्षा और शिक्षा के माध्यम से हजारों युवाओं को प्रेरित कर रही है. गिधवा-परसादा वेटलैंड का यह अनोखा पल, प्रकृति और शिक्षा के संगम का प्रतीक बन गया है, जो आने वाले वर्षों में राज्य के पर्यावरणीय संरक्षण प्रयासों को नई दिशा देगा.
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