शिखिल ब्यौहार, भोपाल। राजधानी भोपाल में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा ने पत्रकार वार्ताकी। इस इस दौरान उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों और अन्य धर्म ने हिंदू समाज को खंडित करने की कोशिश की है। उनकी साजिश है कि हिंदू 10 कदम आगे बढ़ता है पांच कदम पीछे आ जाता है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में निर्णय लिया था पूरे देश में समरसता यात्रा निकल जाएंगे। गांव-गांव में संपर्क हो, प्रत्येक प्रांत में एक प्रखंड चयनित होगा और 7 दिन तक समरसता यात्रा होगी। मध्य भारत प्रांत में मध्यप्रदेश समेत छत्तीसगढ़ में समरसता यात्रा की जा रही है। प्रकाश पर्व के अवसर पर समरसता यात्रा प्रारंभ की गई है। गांव-गांव में लगातार सात दिन तक रहेगी और रात को विश्राम भी वही करेगी। दिन में दो बड़ी सभाएं भी होगी।  हिंदुओं का जन जागरण होगा। 

लगातार हिंदुओं पर इस्लामी हमले हो रहे हैं- बागड़ा  

लगातार हिंदुओं पर इस्लामी हमले हो रहे हैं। कनाडा और बांग्लादेश की घटनाएं हमारे सामने है। जिस प्रकार से हिंदू समाज का उत्पीड़न हो रहा है। हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, भारत सरकार के आग्रह के बावजूद प्रशासन प्रभाव नहीं दिख रहा है। प्रतिदिन हिंदू समाज की घटनाएं हो रही है।  हिंदुओं को लेकर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की है। बीते 6 साल में कनाडा में हिंदू मंदिरों पर आक्रमण हो रहे हैं। भारत विरोधी हिंदू विरोधी के नारे लिखे गए हैं। निरंतर 10-15 दिन में कोई ना कोई घटना हो रही है। कनाडा सरकार इन पर कार्यवाही नहीं कर रही है। केंद्रीय विश्व हिंदू परिषद, अमेरिका विश्व हिंदू परिषद और कनाडा विश्व हिंदू परिषद के बताया कि हिंदू सुरक्षित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया है हिंदुओं के मामलों को लेकर उन्हें कदम उठाए। 

विहिप के महामंत्री ने कहा कि भारत में पिछले दो वर्षों में 2023 और 24 में 300 से अधिक घटनाएं हुई है, जिनकी पूरी सूची जारी की है। जिसमें इस्लामी जिहादी तत्वों ने भारतीय हिंदुओं के उसे सभाओं पर शोभायात्राओं पर धार्मिक यात्राओं पर हमले किए हैं। दो-तीन वर्षों में यह प्रवृत्ति बढ़ती हुई दिखती है। इस्लामी जिहादी तत्व जो है वह लगातार आगे बढ़ रहे हैं। बंगाल से लेकर महाराष्ट्र मध्य प्रदेश से लेकर पूरे देश में ऐसे कृत्य सामने आए हैं। इस्लामिक तत्वों का मनोबल बढ़ा हुआ है। अनेक राजनीतिक दल ऐसे लोगों के विरुद्ध में आवाज नहीं उठाते। मुस्लिम धर्मगुरु मौलवी भी कभी भी कोई फतवा जारी नहीं करते, चुप रहते है..जो ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देता है। 

धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर कही ये बात   

हिंदू कट्टर नहीं हो सकता, लेकिन आप आत्मरक्षक का अधिकार हिंदू का है। सहनशीलता एक हिंदू की भी है। इसकी भी सीमा है, हमें अपनी हाथ में रक्षा के सभी स्तर पर उपयोग करना होगा। हमारा इतिहास में कभी हिंदू आक्रामक नहीं रहा। हमने कभी आक्रमण नहीं किया। हिंदू कट्टर नहीं है.. लेकिन जो कुछ हमें आप करना पड़ा वह हम करेंगे, लेकिन यह कट्टरता नहीं है। हम आत्महत्या नहीं कर सकते, हम आत्मरक्षा कर सकते हैं। 

जनसंख्या का असंतुलन जो हो रहा है..वह हिंदू समाज की खुद की है। देरी से विवाह करना.. बच्चों की संख्या परिवार में सीमित रखना, तलाक होना, जैसा भी हिंदी संस्कृत के अनुकूल व्यवहार नहीं है। पिछले 30 वर्ष के आंकड़े बताते है कि मुस्लिम और ईसाई से सबसे ज्यादा कम हिंदू वृद्धि दर है।  धर्मांतरण और घुसपैठ की बढ़ती संख्या इसका बड़ा कारण है। कब वह जनसंख्या में क्रॉस कर जाएंगे पता नहीं लगेगा। 30 से 40 साल बाद हिंदू अल्पसंख्यक हो सकता है। जरूरी है कि इसे देखना चाहिए। इस संबंध में सरकार को विचार करना चाहिए। किसी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बात नहीं की। 

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