राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। डेढ़ हजार एकड़ जमीन, इस पर तनी 388 बस्तियों में बनी हैं डेढ़ लाख से अधिक झुग्गियां. यह तस्वीर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की है. शहर को झुग्गीमुक्त करने के लिए पहली बार उच्च स्तरीय प्लानिंग शुरू हुई है. पूरी कार्ययोजना को नौ क्लस्टर में बांटकर पहले क्लस्टर की नौ में से छह बस्तियों का सर्वे पूरा हो चुका है.
राजधानी में बनी अधिकांश झुग्गियां शहर के पाॅश इलाकों में हैं. यह बस्तियां जिन क्षेत्रों में हैं, उसकी कीमत पांच हजार रुपए वर्गफीट या इससे अधिक ही है. एक अनुमान के हिसाब से सरकारी जमीन पर बनी बस्तियों की कीमत 19 हजार करोड़ से अधिक है. मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव के निर्देश हैं कि झुग्गी में रहने वाले हर व्यक्ति को उसी स्थान पर मकान बनाकर दिया जाए, जिस स्थान पर वह रहा है. सीएम के इस दिशा निर्देश पर भोपाल जिला प्रशासन ने कार्ययोजना बनाना शुरू कर दिया है.
झुग्गी के स्थान पर पक्के मकान देने की प्लानिंग
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि सभी नौ क्लस्टर की कार्ययोजना तैयार की जाएगी. इसमें झुग्गियों का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. बस्तियां हटाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा, वहां से निर्णय होने पर जमीन पर काम शुरू होगी. कलेक्टर ने बताया कि इसी आधार पर बस्तियां हटाने के साथ लोगों को झुग्गी के स्थान पर पक्के मकान देने की प्लानिंग होगी. पहले चरण में मंत्रालय से लगी छह बस्तियों का सर्वे पूरा हो चुका है. यहां करीब छह हजार झुग्गियां हैं. अन्य तीन बस्तियों का सर्वे जारी है. सबसे पहले इन्हीं बस्तियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी.
नया आवास मिलने तक मिलेगा किराया
प्रशासन ने यह तो तय कर लिया है कि जिन स्थान पर झुग्गियां हैं, उन्हें हटाकर वहीं पक्के आवास बनाए जाएंगे. यानी पहले झुग्गी हटाना पड़ेंगी और फिर वहीं आवास बनेंगे. ऐसी स्थिति में झुग्गी हटने के बाद लोगों को नए आवास मिलने तक उन्हें किराए से रहने के लिए किराया दिया जा सकता है. हालांकि इस पर अंतिम निर्णण उच्च स्तर पर ही हो सकेगा.
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