झांसी. झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई. इस मामले को लेकर डीजी चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है. जांच कमेटी में निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, अपर निदेशक विद्युत चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं, डीजी अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारी भी सदस्य होगा. जांच कमेटी अगले 7 दिन में मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.

इसे भी पढ़ें- झूठा है UP सरकार का ‘सिस्टम’: झांसी अग्निकांड पर अधिकारी बदल रहे आंकड़ें, DM बता रहे 49 बच्चे थे भर्ती, CMO ने बताया 54, कौन सही और कौन गलत?

दरअसल, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल काॅलेज में बड़ा हादसा हुआ है. चाइल्ड वार्ड में आग लगने से नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई. ये हादसा शुक्रवार रात करीब 10 बजे का बताया जा रहा है. आग के बीच चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर कई बच्चों को निकाला गया. प्रशासन ने 10 बच्चों की मौत की पुष्टि कर दी है. इनमें 7 बच्चों की पहचान भी कर ली गई है, वहीं 3 बच्चों की पहचान नहीं हो पाई है. झांसी के चीफ मेडिकल सुप्रीडेंटेंड के अनुसार, NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे.

इसे भी पढ़ें- नहीं उड़ा नेता जी का ‘उड़नखटोला’: अखिलेश यादव का मीरापुर दौरा रद्द, हेलीकॉप्टर को नहीं मिली परमिशन

जानकारी के मुताबिक आग लगने की वजह वार्ड के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट होना बताई जा रही है. इस हादसे में प्रशासन ने 39 बच्चों को बचा लिया. इनमें से कई बच्चे घायल हैं, जिनका इलाज जारी है. सवाल ये उठ रहा है कि बाकी 5 बच्चों का क्या हुआ, क्योंकि चीफ मेडिकल सुप्रीडेंटेंड ने NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती होने की बात कही थी.