रुद्रप्रयाग. केदारनाथ धाम की यात्रा संपन्न होने के बाद जिलाधिकारी सौरभ गहरवार की निर्देशानुसार केदारनाथ धाम सहित यात्रा मार्ग में साफ-सफाई अभियान चलाया जा रहा है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि आपदा प्रबंधन की टीम और सुलभ इंटरनेशनल टीम द्वारा आज केदारनाथ धाम यात्रा के मुख्य पडाव गौरीकुंड में विशेष साफ सफाई अभियान चलाया जा रहा है.

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बता दें कि 3 नवंबर को भैया दूज पर्व पर सुबह 8.30 मिनट पर 6 महीने के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं. इस कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की डोली यात्रा आर्मी बेंड के साथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना किया गया. हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

गौरतलब है कि भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड की पहाड़ियों में 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र इस पवित्र मंदिर के कपाट हर साल सीमित समय के लिए ही खुलते हैं. साल के लगभग 6 महीने यह मंदिर बंद रहता है. इस मंदिर से कई रहस्य भी जुड़े हैं, जो लोगों को चौंका देते हैं. माना जाता है कि कत्यूरी शैली से बने इस मन्दिर का निर्माण पांडवों के वंशज महाराजा जन्मेजय ने कराया था.

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