ओडिशा. पुरी का जगन्नाथ मंदिर कलियुग का सबसे पवित्र स्थान, ऐसी मान्यता है भगवान श्री कृष्ण का दिल आज भी यहां धड़कता है. लेकिन मनुष्यों ने आज भगवान जगन्नाथ के साथ भी छल करना नहीं छोड़ा और उनकी प्रापर्टी पर भी कब्जा कर लिया. भगवान जगन्नाथ की प्रापर्टी पर कब्जे का आरोप है और अब ओडिशा पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने पुरी के माटीतोटा मौजा में भगवान जगन्नाथ की भूमि पर अतिक्रमण और उसे सौंपने के प्रयास के संबंध में यहां बसलिसाही पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है.
एसजेटीए के अनुसार, क्षेत्र में खाता संख्या 38 के अंतर्गत सूचीबद्ध 109 भूखंडों पर अतिक्रमण करने का प्रयास किया गया है. मंदिर प्रशासन ने जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक से इस अवैध गतिविधि के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
एसजेटीए ने सार्वजनिक चेतावनी भी जारी की है कि भगवान जगन्नाथ की भूमि का कोई भी अनधिकृत हस्तांतरण अवैध है और कानून के तहत दंडनीय है. इसने व्यक्तियों और संगठनों को ऐसी गतिविधियों में शामिल होने के खिलाफ चेतावनी दी है.
मंदिर प्रशासन ने जनता से ऐसे गैरकानूनी लेन-देन में भाग लेने या उसका शिकार होने से बचने का आग्रह किया है और आश्वासन दिया है कि मंदिर की भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे.
एसजेटीए के मुख्य प्रशासक डॉ. अरबिंद कुमार पाढी ने इस बात पर जोर दिया कि भगवान जगन्नाथ की संपत्तियों से संबंधित किसी भी धोखाधड़ी या गैरकानूनी गतिविधि के लिए सख्त कानूनी परिणाम भुगतने होंगे.
पाढी ने कहा, “हम श्री जगन्नाथ महाप्रभु की संपत्ति की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. किसी भी धोखाधड़ी या अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. श्री जगन्नाथ महाप्रभु की सभी भूमि पट्टों के कम्प्यूटरीकरण की प्रक्रिया अब चल रही है.”
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक