आकिब खान, दमोह (हटा)। मध्य प्रदेश के दमोह के हटा सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों का ड्यूटी चार्ट जिला अस्पताल से बनने के बाद खलबली मच गई है। सप्ताह में एक से दो दिन ड्यूटी करने वाले डॉक्टर अब सातों दिन ड्यूटी लगने से खिन्न हैं। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि अब वे अस्पताल में ही बवाल मचाने लगे हैं। 

दो डॉक्टर नहीं थे उपस्थित 

सोमवार को रोस्टर प्रणाली अनुसार ओपीडी में डॉ. यू एस पटेल, डॉ विदेश शर्मा, डॉ बृजेश शर्मा, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अमन श्रीवास्तव, दंत चिकित्सक मनीष बहेरिया, महिला चिकित्सक साक्षी पटेल और इमरजेंसी ड्यूटी डॉ सौरभ जैन की लगाई गई थी। जिसमें सुबह 11 बजे सिर्फ डॉ यूएस पटेल, डॉ विदेश शर्मा, डॉ अमन श्रीवास्तव, डॉ मनीष बहेरिया उपस्थित थे। जबकि डॉ बृजेश शर्मा और डॉ सौरभ जैन उपस्थित नहीं थे। 

ओपीडी ड्यूटी की फोटो लेने पर भड़क गए डॉक्टर 

इस संबंध में जब ओपीडी ड्यूटी की फोटो ली गई तो ओपीडी में बैठे डॉक्टर विदेश शर्मा भड़क गए और अस्पताल में बवाल मचाने लगे। महत्वपूर्ण बात यह है कि डॉ बृजेश शर्मा विदेश शर्मा के भाई हैं और भाई के ओपीडी में न होने के कारण वह भड़क गए। उन्होंने सिविल अस्पताल में मरीजो के सामने ही जमकर वबाल मचाया। 

निर्देशों का नहीं हो रहा पालन

बता दें कि सिविल अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो पा रहा है। डॉक्टर अपनी मनमर्जी करने में लगे हुए हैं। ओपीडी में एक साथ दंत रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ बैठने से मरीजों को उनका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि सिविल अस्पताल के भ्रमण के दौरान कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जहां जो सेवाएं दी जा रही है, उन्हें हिंदी के बड़े अक्षरों में लिखें, जिससे मरीज और उनके परिजन पढ़ सकें। लेकिन ऐसी व्यवस्था नहीं हुई। छोटे से एक ही कक्ष में पांच-पांच चिकित्सकों के बैठने की फ़ोटो देखने से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विशेसज्ञ चिकित्सक के पास मरीजों के उपचार की समुचित व्यवस्थाएं नही हैं।

पेन के सहारे दांतों का उपचार

दंत चिकित्सक डॉ मनीष बहेरिया एक पेन लेकर ही बैठते हैं। इतने भर से दांतों का उपचार कैसे कर पाते होंगे? परीक्षण कैसे कर पाते होंगे यह सोचने वाली बात है। सी बी एम ओ डॉ उमाशंकर पटेल का कहना है कि डयूटी डॉक्टर सौरभ जैन और डॉ  बृजेश शर्मा अवकाश पर हैं। डॉ आर पी कोरी, डॉ अमन श्रीवास्तव के भी अवकाश के आवेदन हैं। ऐसी स्थिति में आगामी दो दिन उनके पास ड्यूटी के लिए डॉक्टर उपलब्ध होंगे, इसमें संदेह है। 

डॉक्टर न OPD में बैठते और न रोस्टर तैयार होता

उल्लेखनीय यह है कि सोमवार के पूर्व पिछले अनेक वर्षों में कभी भी चिकित्सकों के अवकाश की जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई। क्योंकि चिकित्सक ओ पी डी में न तो बैठते थे और न ही उनका रोस्टर तैयार होता था। जिसे भी पारिवारिक कार्य होता था, आपातकालीन ड्यूटी की अदला-बदली करके सभी चिकित्सक बिना अवकाश के ही निपटा लेते थे। 

स्थायी रूप से रोस्टर पर रोक लगाने अवकाश का ले रहे सहारा 

अब जबकि जिला स्तर से डयूटी रोस्टर तैयार हो रहा है। प्रदेश से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से जारी नियमावली के अनुसार डयूटी जॉइन करने बाद शायद पहली बार चिकित्सको को सुबह 9 से 2 बजे और शाम 5 से 6 बजे की ड्यूटी करने बाध्य होना पड़ रहा है। एक साथ सभी चिकित्सक स्थायी रूप से रोस्टर पर रोक लगाने अवकाश का सहारा ले रहे हैं। ताकि जिला प्रशासन पर दबाव बन सके।

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