दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कृत्रिम बारिश कराने की मांग की है और प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने की मांग की है. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी स्कूलों को गुरुग्राम, फरीदाबाद और दिल्ली में ऑनलाइन शिफ्ट कर दिया गया है. GAP-4 के नियम भी लागू हैं. गोपाल राय ने कहा कि पिछले तीन दिनों से पूरे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण है. लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है. ग्रेप-4 नियम लागू हैं. हमने वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए प्राइवेट से लेकर कमर्शियल वाहनों पर पाबंदी लगाई है. दिल्ली में स्मॉग की चादर को तोड़ने और लोगों को प्रदूषण से बचाने के लिए अब आर्टिफिशियल रेन कराने का वक्त आ गया है.

गोपाल राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले में हस्तक्षेप करना नैतिक कर्तव्य है, इसलिए उन्होंने मंगलवार को केंद्र से एक आपात बैठक बुलाने की अपील की है.

गोपाल राय ने कहा, “तीन घटक के एक साथ मिलने से प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसमें पराली, पटाखे और वाहनों से निकलने वाला धुआं शामिल है. क्योंकि त्योहारों की वजह से वाहनों की संख्या सड़क पर बढ़ी है, जिससे जाम की स्थित उत्पन्न हो रही है. दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई रियल टाइम सोर्स सुपर साइट, जो कानपुर आईआईटी के सहयोग से बनाई गई थी, हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों में विभिन्न सोर्सों को प्रदर्शित करती है.

केंद्र सरकार पर साधा निशाना

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने बार-बार केंद्र से कृत्रिम बारिश की अनुमति की मांग की है, लेकिन केंद्र ने ऐसा नहीं किया है. वर्तमान में बीजेपी की सरकार एक ऐसे केंद्र में बैठी है जिसमें लगातार चिट्ठी लिखने और अपील करने के बावजूद मंत्री को एक बैठक बुलाने की फुर्सत नहीं है. अगर किसी दूसरे देश के मंत्री से इतनी अपील की होती तो वह भी बैठक कर लेता. उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को इस बारे में फिर से पत्र लिखेंगे.

मंत्री ने कहा, “पिछले साल इमरजेंसी सिचुएशन में हमने IIT के एक्सपर्ट्स के साथ बैठक की थी. उन्होंने आर्टिफिशियल रेन को लेकर प्रेजेंटेशन दिया था. तब समय कम था इसलिए इस साल हमने अगस्त से ही इसकी तैयारी शुरू की. अगस्त और अक्टूबर में हुई ऑनलाइन बैठक में भी मैंने अनुरोध किया था, लेकिन इसके लिए कोई बैठक नहीं हुई.

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में ग्रैप (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) चरण चार के प्रतिबंध लागू हैं और हम गाड़ियों और औद्योगिक प्रदूषण को कम करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं. शहर में प्रवेश करने वाले वाहनों की संख्या को कम करने के उद्देश्य से निजी वाहनों और ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है.

“अगर केंद्र सरकार कार्रवाई नहीं कर सकती तो उनके (पर्यावरण) मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए,” उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश की अनुमति देने और शहर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर आपात बैठक बुलाने का अनुरोध नहीं किया है.

उसने प्रधानमंत्री मोदी से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने का आह्वान किया और कहा कि यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि वह यादव को एक अतिरिक्त पत्र लिखकर उनसे एक आपातकालीन बैठक बुलाने का आग्रह करेंगे.

दिल्ली सरकार केंद्र सरकार के साथ काम करने को तैयार है, लेकिन केंद्र को आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाकर नेतृत्व करना चाहिए जिन्होंने कृत्रिम वर्षा पर व्यापक शोध किया है. इसके लिए विभिन्न केंद्रीय विभागों की अनुमति और सहयोग की आवश्यकता है.

दिल्ली में मेडिकल इमरजेंसी

गोपाल राय ने कहा, “आज मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति है. दो ही उपाय हैं कि या तो तेज हवा चले या बारिश हो. दुनिया के कई देशों में आर्टिफिशियल रेन कराए जाते हैं. आज दुःख है कि केंद्र में ऐसी सरकार है जिसके पर्यावरण मंत्री को एक मीटिंग बुलाने की फुर्सत नहीं है.” मीटिंग के बाद तय होगा कि आर्टिफिशियल रेन होगा या केंद्र सरकार परमिशन देगी, लेकिन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को मीटिंग बुलाने का समय नहीं है. किसी दूसरे देश के मंत्री को इतनी चिट्ठी लिखी होती तो वे भी मीटिंग बुला चुके होते.

कैसे कराई जाती है कृत्रिम बारिश

कृत्रिम बारिश करने के लिए क्लाउड सीडिंग नामक एक तकनीक का उपयोग किया जाता है. इस तकनीक में सिल्वर आयोडाइड और क्लोराइड जैसे नमक के कणों को बादलों पर छिड़काया जाता है; इसके लिए विशेष विमान, रॉकेट या जमीन पर स्थित विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता है. इससे नमी भी खिंची चली आती है, गाढ़ी होकर पानी की बूंदों का रूप धारण कर लेती है और बारिश बन कर बरसती है. यह एक प्रयास है कि बादल के प्राकृतिक विकास के क्रम को बदलकर कृत्रिम बारिश करवाई जाए.

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