सत्या राजपूत, रायपुर। राजधानी में आयोजित जैन मुनियों और आचार्यों का चतुर्मास कार्यक्रम संपन्न हुआ. इस अवसर पर आचार्य सुधाकर कुमार और सहवर्ती नरेश कुमार ने रायपुरवासियों को धर्म और समाज के प्रति प्रेरणादायक संदेश दिए. आचार्य सुधाकर कुमार और सहवर्ती नरेश कुमार रायपुर से बिहार प्रवास करेंगे. इस कार्यक्रम के दौरान न्यूज़ 24 मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ और लल्लूराम डॉट कॉम के चेयरमैन नमित जैन और सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने आशीर्वाद लिया.

कार्यक्रम में आचार्य सुधाकर कुमार ने कहा, जैन संत नौकल्पी बिहारी होते हैं. नौकल्पी बिहार मतलब ये आठ जगह एक-एक माह प्रवास करना और चार माह एक जगह प्रवास करना. हमारा सौभाग्य था कि रायपुर के धरा में हमें चतुर्मास करने का सौभाग्य मिला. रायपुर की जनता में जो धर्म के प्रति आस्था और विश्वास का भाव देखा. धर्म के प्रति जो उत्साह देखा वो अपने आप में मेरे लिए अद्भुत था.

उन्होंने रायपुर वासियों को विशेष प्रेरित किया. पहला मन में अधिक से अधिक सद्भावना रखें. सद्भावना मतलब सभी धर्मों का आदर करें. एक दूसरे के प्रति हमारे मन में सद्भावना हो. दूसरा रायपुर के जनता में अधिक से अधिक नैतिकता का विकास हो. हम नैतिक और चारित्रिक मूल्यों के प्रति निष्ठा बनें. तीसरा एक दम ज्वलंत मुद्दा बनती जा रही है वो नशा है. नशे की प्रवृत्ति है. रायपुर वासियों में ऐसी जागृति का संचार हो कि वह नशे बिलकुल मुक्त बन पाए.

युवा पीढ़ियों के लिए संदेश

युवा पीढ़ी के लिए आचार्य सुधाकर कुमार ने कहा कि उनके लिए दो बात कहना चाहूंगा पहला नशा और दूसरा गुस्सा से दूर रहें. आज युवा पीढ़ी है कि आप यही दो ज्वलंत समस्या है क्योंकि गुस्से में अपराध की ओर जाते हैं और नशे में भी अपराध की ओर जाते हैं. पारिवारिक अशांति का ये दोनों बड़ा कारण है, युवा इससे दूर रहें.

मानसिक तनाव के कारण

मानसिक तनाव के जो कारण है वो बढ़ती इच्छा है. आज व्यक्ति की इच्छाएं इतनी बढ़ गई है कि घर में TV सेट है, गोल्डन सेट है, सोफा सेट है, मन में तनाव है लेकिन मन सेट नहीं है. मानसिक तनाव से दूर होने के लिए मन को प्रशिक्षित करना होगा. मन को सेट करना होगा, मन को धर्म की दिशा देना होगा. उन्होंने कहा, हमेशा मैं प्रसन्न हूं, खुश हूं का भाव रखना होगा.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा

चतुर्मास सम्पन्न होने के बाद मुनिश्री अब बिहार प्रवास करेंगे. दिल्ली और पंजाब की तरफ जाएंगे. छत्तीसगढ़ का यह सौभाग्य है कि यहां अध्यात्म से जुड़े हुए सभी संत महात्मा, मूनि आचार्य यहां पधारते हैं और यहां के लोगों की सुख समृद्धि शांति की कामना करते हैं.उनके वचन और उद्गार हमारी नई पीढ़ी को प्रेरणा देते हैं. ऐसे मुनियों के चरणों में मैं प्रणाम करता हूं.