कुंदन कुमार/पटना: बिहार के 1 लाख 14 हजार 138 नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल गया है. इसके लिए पटना समेत कई जिले में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा. 

इस मौके पर उनके साथ मंच पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजेंद्र यादव, मंत्री विजय चौधरी, मंत्री सुनील कुमार मौजूद थे. जिन नियोजित शिक्षकों ने इसी वर्ष आयोजित सक्षमता परीक्षा पास कर लिया है, उन्हें आज से राज्यकर्मी का दर्जा मिल गया, अब से ये सभी नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक कहलाऐंगे.

CM नीतीश ने गिनाए अपने काम

इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि नियोजित शिक्षक अब सक्षमता परीक्षा पास कर राज्यकर्मी बन गए हैं, अब आज आप सभी शपथ लीजिए कि बच्चों को खूब पढ़ाइएगा. उन्होंने कहा कि हमलोगों जब 2005 में आए थे, तब शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था कैसी थी? यह सब जानते ही हैं. पहले घर से कोई निकलता था. शाम होते ही लोग घर में रहते थे। पहले स्कूलों की संख्या भी काफी कम थी. 

‘स्थानांतरण नहीं किया जाएगा’

मुख्यमंत्री ने कहा कि जितने लोगों को पढ़ना था, वह पढ़ नहीं पाते थे. इसके बाद हमलोग आए, तो शिक्षा पर काम किया. पंचायत और नगर निकाय स्तर पर बड़े पैमाने पर स्कूल में शिक्षकों की बहाली की गई. इसके बाद मुख्यमंत्री ने स्नानांतरण-पदस्थापन पर नियोजित शिक्षकों के संशय को भी दूर करते हुए कहा कि जो शिक्षक जहां हैं, वे वहीं रहेंगे. उनका स्थानांतरण नहीं किया जाएगा.

‘तीसरा चरण भी पूरा’

शिक्षक भर्ती पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक दो चरणों में 2 लाख 17 हजार से अधिक शिक्षकों की बहाली हुई है. तीसरे चरण की भी बहाली का रिजल्ट निकल गया है और यह एक माह में हो जाएगा. इसी के साथ हमलोगों ने फैसला लिया कि नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करवाकर राज्यकर्मी का दर्जा दिलाया जाए. सरकार ने निर्णय लिया कि इन लोगों ने शुरू से काम किया, तो इन्हें राज्यकर्मी बनाया जाए. 

‘सरकारी शिक्षक बन जाएं’

पहली सक्षमता परीक्षा में 1 लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षक पास हुए. दूसरी सक्षमता परीक्षा में 65 हजार नियोजित शिक्षक पास हुए. परीक्षा पास करते के बाद सभी लोग राज्यकर्मी बन जाएंगे. बाकी और परीक्षाएं ली जाएंगी. 85 हजार नियोजित शिक्षक शेष बचे हैं. हमलोग चाहते हैं कि उनकी भी परीक्षा हो जाए और पास कर वे भी सरकारी शिक्षक बन जाएं.

‘एनडीए छोड़ कहीं नहीं जाएंगे’

अब आप जान लीजिए कि हमलोगों ने कितना काम किया है. 2005 से अब तक बिहार के विकास में लगे हैं. स्कूल में पोशाक और साइकिल बांटे गए. इसके बाद उन्होंने एक बार फिर भरे मंच से कहा कि अब हम एनडीए को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे. एक-एक काम हम सब लोगों ने मिलकर किया,

बाकी तो 2 बार हमलोगों से गलती करवा दिए, तो उधर चले गए. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों का रिश्ता 1995 से ही था. हमलोग साथ में थे. बीच में इधर-उधर चले गए थे, अब हमलोग कहीं नहीं जाएंगे.

‘आपके हाथ में बिहार का भविष्य है’

वहीं, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था में काफी महत्वपूर्ण बदलाव आया है. 2024 में 63 हजार करोड़ का बजट केवल शिक्षा का रखा गया. बिहार में 5 लाख 77 हजार शिक्षक हैं. महिला साक्षरता 77 फीसदी है. शिक्षकों से अपील है कि आप अनुशासन में रहें. आपके हाथ में बिहार का भविष्य है, आप बच्चों को अच्छा नागरिक बनाएं.

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