कुमार इंदर, जबलपुर। खेतों में किसानों द्वारा पराली जलाने को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट अधिवक्ता संघ सामने आ गया है। अधिवक्ता संघ ने फैसला लिया है कि यदि प्रदेश का कोई भी किसान खेत में पराली जलाता है, तो कोई भी वकील उसका केस नहीं लड़ेगा। इसके साथ ही मध्य प्रदेश हाई कोर्ट अधिवक्ता संघ ने यह निर्णय लिया है कि यदि कोई भी अधिवक्ता पराली जलाने वाले किसान का केस लड़ता है, तो फिर नियम संगत उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 

अधिवक्ता संघ ने मध्य प्रदेश सरकार को लिखा पत्र 

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ ने मध्य प्रदेश सरकार को भी एक लेटर लिखा है। जिसमें उन्होंने पराली जलाने वाले किसान पर 25000 रुपए का जुर्माना लगाते हुए उसे सरकारी योजना से वंचित करने की मांग की है। इसके साथ ही पत्र में पराली के विनष्टीकरण के उचित और संभव प्रयास करने की भी मांग की गई है। 

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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट अधिवक्ता संघ ने मध्य प्रदेश सरकार को लिखे अपने पत्र में कहा है कि जिस तरह से पंजाब, हरियाणा में पराली जलाने को लेकर वहां की सरकारों ने एक्टिव नेस होकर उचित उपाय किए है। इस तरह यहां पर भी पराली के विनष्टीकरण के लिए यदि कोई उद्योगपति या कोई बड़ा किसान सामने आता है। तो उसे उचित दाम पर जमीन और इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराए, जिससे किसान अपने खेतों में पराली न जलाते हुए उसके विनष्टीकरण और सदुपयोग पर ध्यान दे सके।

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