सुरेन्द्र जैन, धरसींवा– कभी मात्र एक एकड़ कृषि भूमि में खेती किसानी कर अपने परिवार का लालन पालन करने वाले सिलतरा के भूतपूर्व किसान स्वर्गीय सुरेश शुक्ला का परिवार उनकी मृत्यु के बाद से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. कारण सिर्फ इतना है कि फैक्ट्री ने सुरेश की कृषि भूमि लेकर उन्हें तो नौकरी दी, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे को आश्वासन के बाद भी छह माह से नौकरी के लिए भटका रहे हैं. शुक्रवार को इस पीड़ित युवक ने विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा को अपनी दर्दभरी दास्तां सुनाई.

यह मामला है सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र के फेस वन में स्थित हीरा ग्रुप की इस्पात गोदावरी फैक्ट्री का. यहां नौकरी के लिए बेरोजगार युवक अंकुश शुक्ला दर-दर भटकने को मजबूर है. उन्होंने बताया कि वह सिलतरा में रहता है, दस बारह साल पहले तक उसके पिता गांव में अपनी कृषि भूमि पर खेती किसानी कर परिवार का लालन पालन करते थे, लेकिन उस जमीन को लेकर इस्पात गोदावरी ने उस पर टावर लगाया और फिर उसके पिताजी को फैक्ट्री में नौकरी भी दी. उनके पिता बारह साल तक फैक्ट्री में कार्यरत रहे. उन्हीं की वेतन से परिवार का खर्च चलता था, लेकिन करीब छ्ह माह पूर्व 17 सितंबर 2018 को ड्यूटी से वापस लौटते समय पिता की मृत्यु हो गई.

मौत के बाद फैक्ट्री प्रबंधन ने  उनकी जगह कम्पनी में नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन बीते छह माह से कम्पनी के लोग घुमा रहे हैं, जब भी जाता हूं, तो कहते हैं कि कम्पनी में तुम्हारे लायक कोई काम नहीं है. जब होगा हम खुद बताएंगे. यह सुनते-सुनते अंकुश परेशान हो गया है. उसका कहना है कि उसकी दो बहिन और मां है, पिताजी के बाद मां का एकमात्र वही सहारा है. पिताजी की मृत्यु बाद जो कुछ मिला वह छह माह में खत्म हो गया. अब घर खर्च चलाने में भी दिक्कत हो रही है. इसलिए अब विधायक को अपनी समस्या बताया. विधायक ने भी उन्हें आश्वासन दिया है. अब देखना यह है कि इस गरीब को कब तक न्याय मिलता है.

जिम्मेदारों ने फोन नहीं उठाया

इस मामले में पक्ष जानने प्रतिनिधि ने कंपनी के विनोद पिल्ले और नवीन को कॉल किया. कई बार कॉल करने पर भी उन्होंने रिसीव नहीं किया, जिस कारण उनसे बात नहीं हो पाई और न उनका कोई पक्ष मिल पाया.