कुमार इंदर, जबलपुर। नर्सिंग कॉलेज को मान्यता नवीनीकरण मामले में हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि साल 2013 के पहले से चल रहे नर्सिंग कॉलेजों को स्वयं के 100 बेड के अस्पताल की अनिवार्यता नहीं है। दरअसल इस मामले में हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट कर दिया था कि, साल 2013 के पहले से संचालित निजी नर्सिंग कॉलेज को मान्यता रिन्यूअल के लिए स्वयं के 100 बेड के अस्पताल की अनिवार्यता नहीं है उसके बावजूद स्टेट नर्सिंग कॉलेज के पोर्टल पर 2013 के पहले के नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रिन्यूअल फॉर्म संबंधित फार्म नहीं ले रहा है।

भोपाल बीएम नर्सिंग कॉलेज की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी जिसकी पैरवी करते हुए सीनियर अधिवक्ता पंकज दुबे ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट के पूर्व आदेश के बावजूद स्टेट नर्सिंग काउंसिल 2013 के पहले के कॉलेज के मान्यता रिन्यूअल नहीं दे रहा है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में नेशनल नर्सिंग काउंसिल की गाइडलाइन भी स्पष्ट है जिसमें कहा गया है कि पुराने नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता रिन्यूअल करने के लिए स्वयं के 100 बेड के अस्पताल की अनिवार्यता नहीं, ऐसे कॉलेज किसी भी सरकारी अस्पताल से संबद्ध (affiliated) लेकर मान्यता रिन्यूअल फॉर्म भर सकते है।

हाईकोर्ट ने कड़ा एतराज जताया

उसके बावजूद स्टेट नर्सिंग काउंसिल अपने अड़ियल रवैया पर अड़ा हुआ है। जिस पर हाईकोर्ट ने कड़ा एतराज करते हुए स्टेट नर्सिंग काउंसिल को आदेश दिए है कि वह पुराने नर्सिंग कॉलेज को बिना 100 बेड अस्पतलों की शर्त के मान्यता रिन्यूअल संबंधित फार्म भरने की अनुमति दे, इसके साथ ही कोर्ट ने मान्यता रिन्यूअल फॉर्म भरने की तारीख को 19 से 21 नवंबर से बढ़ाकर अब 22 नवंबर तक कर दिया है। हाईकोर्ट ने इस याचिका का निराकरण भी कर दिया।

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