संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी– लोरमी तहसील के ग्राम पंचायत नवरंगपुर के आश्रित गांव उरैहापारा में आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को रेडी टू ईट नहीं देने का मामला सामने आया है. पंचायत प्रतिनिधि सहित ग्रामीणों का कहना है कि पोषण आहार मिलना तो दूर इसे जानते तक नहीं है. बता दें इस आश्रित गांव में महिला बाल विकास विभाग के सभी योजना केवल कागजों पर चल रही है. इस गांव में 235 लोग निवासरत हैं, जहां पर गर्भवती महिला और बच्चों को पोषक आहार भी नहीं मिल पा रहा है. और इसकी जानकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को कई बार दी गई है, लेकिन इस ओर अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया है.
दरअसल एकतरफ गांव में जहां पर शासन के सभी योजनाओं का क्रियान्वन हो रहा है. वहां जाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क का जाल बिछा हुआ है, गांव में बिजली और पानी की भी पर्याप्त सुविधा है. दूसरी तरफ बच्चों को पूरक पोषण आहार नहीं मिल रहा. यहां हालात यह है कि ग्राम पंचायत नवरंगपुर में दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. जहां कार्यकर्ता और सहायिका दोनों कार्यरत है, जबकि पास के आश्रित गांव में आंगनबाड़ी तो दूर वहां के बच्चों को महिला एवं बाल विकास विभाग के किसी भी योजना का लाभ आज तक कभी नहीं मिला है. यहां पर न गर्भवती महिलाओं को दलिया मिल पा रहा है और न ही बच्चों को पूरक पोषण आहार.
इस मामले पर नवरंगपुर सेक्टर के सुपरवाइजर विजयलक्ष्मी गड़ेवाल से बात की गई तो उनका कहना है कि पिछले महीने से ही वहां पर व्यवस्था को सुधारते हुए बच्चों को रेडी टू ईट योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा हैं, लेकिन देखने वाली बात यह होगी की आखिर मौके में उस गांव के बच्चों को उनके हक का पोषण आहार मिल पा रहा है या नहीं.
लोरमी के एसडीएम चित्रकांत चार्ली ठाकुर का कहना है कि शासन के जो निर्धारित मापदंड हैं उसके तहत वहां आंगनबाड़ी केंद्र खोला ही नहीं जा सकता, लेकिन जांच करवाते हुए नजदीक गांव के आंगनबाड़ी केंद्र से वहां पूरक पोषण आहार वितरण करवाया जाएगा.