Ramgarh by-election: बिहार उपचुनाव का परिणाम सामने आ चुका है. सभी 4 सीटों पर महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा. लेकिन रामगढ़ में राजद की हार को पचाना पार्टी और लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है. इन चारों सीटों में रामगढ़ सीट हॉट सीट बनी हुई थी. लेकिन राजद उम्मीदवार अजीत सिंह यहां से तीसरे नंबर पर रहें. उन्हें बीजेपी प्रत्याशी अशोक सिहं के हाथों भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा.

भाई और पिता बने हार का कारण!

बता दें कि रामगढ़ से राजद ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और सांसद सुधाकर सिंह के भाई अजीत सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था. ऐसे में अब लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि जिसके पिता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, भाई सांसद है आखिर वो चुनाव कैसे हार गया? बता दें कि सुधाकर सिंह के सांसद बनने पर ही रामगढ़ की सीट खाली हुई थी. जहां से पार्टी ने फिर से उनके ही परिवार के बेटे को टिकट देने का काम किया.

परिवारवाद के खिलाफ थे कार्यकर्ता

राजनीतिक जानकारों के अनुसार इसका पहला मुख्य कारण परिवारवाद है जिसमें कई आरजेडी के कार्यकर्ता अंदर ही अंदर खिलाफ में थे. वहीं, कई लोग आरजेडी का दामन छोड़ किसी दूसरे पार्टी में जाकर सम्मिलित हो गए. जो कार्यकर्ता पार्टी को नहीं छोड़ पाए वह अंदर ही अंदर आरजेडी के वोटों का विरोध जताते रहे. दूसरा एक ही घर के विधायक, प्रदेश अध्यक्ष, सांसद और एमएलसी का होना है. यह लोगों में चर्चा का विषय रहा.

सुधाकर सिंह की अनर्गल बयानबाजी

सांसद सुधाकर जिस तरह से बयानबाजी सोशल मीडिया पर करते रहते हैं और उनके व्यवहार को लेकर लोगों में नाराजगी की भी बात कही जा रही है. कार्यकर्ताओं की उपेक्षा भी कारण रहा. पहले आरजेडी के वोटर यादव-मुस्लिम थे और राजपूत-ब्राह्मण भी रामगढ़ में वोट करते थे, लेकिन इस बार गोलबंदी के कारण ज्यादा वोट आरजेडी के वोटबैंक में सेंधमारी हुई, जो आज रामगढ़ में राजद और अजीत सिंह के हार का कारण बनी.

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अजीत सिंह को मिले महज 35,825 वोट

रामगढ़ में राजद उम्मीदवार अजीत कुमार सिंह को तीसरे नबंर पर संतोष करना पड़ा. मुख्य मुकाबला बसपा और भाजपा के उम्मीदवारों में रहा. बसपा के सतीश यादव ने 60,133 वोट हासिल किए. भाजपा के अशोक सिंह को 61,910 वोट प्राप्त हुए हैं. वहीं, अजीत सिंह को महज 35,825 वोट मिले.

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