संभल. शाही जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने के बाद रविवार की सुबह दूसरे चरण का सर्वे शुरू किया गया था. इसकी जानकारी लगते ही भीड़ मस्जिद की ओर पहुंच गई. जब इन्हें हटाने का प्रयास किया गया तो पहले धक्का मुक्की हुई फिर भीड़ ने पथराव कर दिया. जवाब में पुलिस ने हवाई फायरिंग की और भीड़ को भगाने की कोशिश की. जानकारी के मुताबिक दूसरी ओर से भी फायरिंग की गई है. फिलहाल क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल है.
पुलिस हिरासत में कई लोग
अदालत के आदेशों के मुताबिक 5 दिन में दूसरी बार जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची प्रशासन की टीम के ऊपर इकट्ठा हुई हजारों की भीड़ ने पथराव कर दिया. मौके पर मौजूद पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए भीड़ को दूर तक दौड़ाया. रविवार को संभल की जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए हिंदू पक्ष के अधिवक्ता और शासकीय अधिवक्ता के साथ जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समेत एसडीएम मस्जिद के अंदर सर्वे करने के लिए पहुंचे. जिसकी परिस्थितियों को देखते हुए पहले से ही मौके पर पीएसी और RRF की टीमें तैनात की गई थी. टीम को सुबह मस्जिद में पहुंचते देख मुस्लिम समुदाय के लोग गुस्से में आ गए और हजारों की भीड़ इकट्ठा होकर मस्जिद पर विरोध करने के लिए पहुंच गई. पुलिस ने जब हजारों की भीड़ को रोकने का प्रयास किया तो पब्लिक ने पुलिस पर पथराव कर दिया. पुलिस ने लाठी संभाली और पब्लिक पर बरसानी शुरू कर दी. जिससे मौके पर भगदड़ मच गई. पुलिस के एक्शन में आने के बाद 6 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
अदालत ने 29 नवंबर तक मांगी रिपोर्ट
बता दें कि हिंदू पक्ष की ओर से अदालत में शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने संभल मस्जिद के सर्वे के आदेश दिया था. जिला अदालत ने 29 नवंबर तक सर्वे की रिपोर्ट मांगी है. जिसके बाद 19 नवंबर को ही रात में मस्जिद का सर्वे हुआ, जिसके बाद आज फिर सर्वे होना था. इसलिए मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया था. इस बीच ये घटना हुई है.
1879 की ASI रिपोर्ट में हुए कई खुलासे
दरअसल, हिंदू पक्ष का दावा है कि ये मस्जिद नहीं हरिहर मंदिर है. हालांकि फिलहाल ये मामला अदालत में है. लेकिन इसे लेकर सियासत तेज हो गई है. दूसरी तरफ मस्जिद की 1879 की एक एएसआई (ASI) रिपोर्ट के खुलासे से मस्जिद को लेकर नई बातें सामने आई हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस सर्वेक्षण रिपोर्ट पेज 25 और 26 में ASI ने अपने सर्वेक्षण में पाया था कि मस्जिद के अंदर और बाहर के खंभे पुराने हिंदू मंदिर के हैं. इन स्तंभों पर प्लास्टर किया गया है.
ASI का तर्क है कि सर्वेक्षण के दौरान ASI के अधिकारी ने पाया कि मस्जिद के एक खंभे से प्लास्टर उखड़ा हुआ है. सर्वे करने पर पता चला कि इसके पीछे लाल रंग का खंभा है. ASI का दावा ये भी है कि मस्जिद के गुंबद का जीर्णोद्धार हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था.
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