अजयारविंद नामदेव, शहडोल। एमपी के शहडोल जिले में सेवानिवृत व्याख्याता बेलाराम जगवानी के निधन के बाद परिवार ने उनका पार्थिव देह मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया. शहडोल के इतिहास में बेलाराम जगवानी पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिनका देह मेडिकल कॉलेज को दान किया गया.

दरअसल, नेहरू कॉलोनी में रहने वाले बेलाराम जगवानी निधन हो गया. जिसके बाद परिजन उसके पार्थिव देह को लेकर शहडोल बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज पहुंचे. जहां उन्होंने देहदान की प्रक्रिया पूरी कर उसके पार्थिव शरीर को सौंप दिया. अब उनका देह चिकित्सा जगत की अनुपम धरोहर बन गई है.

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बेलाराम जगवानी का जन्म सिंध प्रांत शहर लारकाना जिला दादू में 2 मई 1944 को हुआ था. शहडोल से अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से एमएससी करने के बाद व्याख्याता के रूप में शहडोल के रघुराज हायर सेकेंडरी स्कूल में सेवाएं दी. इसके बाद जिले के अन्य स्कूलों में भी व्याख्याता के रूप में सेवाएं देते हुए पदोन्नति होकर प्राचार्य कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल पुरानी बस्ती से सेवानिवृत हुए.

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प्रारंभिक काल से ही बेलराम सामाजिक सेवा, मानव सेवा से जुड़े हुए थे. परिवार के सभी सदस्यों को मनाते उन्होंने देहदान का संकल्प लिया और 18 जुलाई 2019 को बेलाराम ने मेडिकल कॉलेज में देहदान का आवेदन दिया था. 23 नवंबर 2024 को बेलाराम जगवानी का स्वर्गवास हो गया. 24 नवंबर को उनके पार्थिव शरीर को मेडिकल कॉलेज को सौंपा गया.

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परिजनों ने बताया कि वह बुजुर्ग होने पर भी सामाजिक विचारों के प्रति अत्यंत सजग थे. उनका कहना था कि शरीर को जलाने की बजाय किसी काम में उपयोग किया जा सके तो यह सबसे बड़ा दान है. उनका यह भी कहना था कि मेरी आंखें किसी नेत्रहीन को रोशनी दे सकें, इससे बड़ा पुण्य कुछ भी नहीं.

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