अयोध्या. रामनगरी भगवान राम की बरात की तैयारी में लीन है. जो कि 26 नवंबर की सुबह 9 बजे कारसेवकपुरम से जनकपुर के लिए प्रस्थान करेगी. रामबरात को लेकर रथ सजाने में कारसेवकपुरम में 10 कारीगर जुटे हुए हैं. श्रीसीताराम का विवाह संपन्न कराने के लिए तिरुपति से 40 वैदिक ब्राह्मण भी आ रहे हैं. ये वैदिक ब्राह्मण सीधे जनकपुर पहुंचेंगे और श्रीसीताराम का विवाह संपन्न कराएंगे.
बता दें कि 18 नवंबर को अयोध्या के रामसेवकपुरम में भगवान श्रीराम का तिलकोत्सव कार्यक्रम वैदिक रीति रिवाज के साथ सम्पन्न हुआ है. कार्यक्रम में नेपाल के मधेश राज्य के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ शामिल हुए थे.
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‘आज तिलक चढ़े रघुनंदन के’ जैसे मंगल गीतों से महिलाओं ने माहौल बना दिया था. वहीं ‘आन्हर बाने तिलकहरू चढ़ावे भुजी भांग’ जैसे गारी गीत से भी नेपाल से आए राम जी के ससुरालियों को अयोध्या की महिलाओं ने खूब चिढ़ाया. वर पक्ष से श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दशरथ की भूमिका में तिलक स्वीकार किया तो वहीं वधु पक्ष से नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश सिंह ने राम जी को तिलक चढ़ाया था.
भारत और नेपाल में रोटी-बेटी का संबंध
जनकपुर से 300 से ज्यादा तिलकहरू अयोध्या पहुंच गए थे. राजा राम के दरबार मे हाजिरी भी लगाई थी. आपको बता दें कि भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध है. यह संबंध सदियों पुराना है. इसी संबंध का निर्वहन करने जनकपुर से तिलक लेकर तिलकहरू अयोध्या आए हैं. अब तिलकोत्सव के बाद अयोध्या से 26 नवंबर को यानी कल श्री राम की बरात जाएगी.
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