मुंबई. फीवर सुपरवुमनिया अवॉर्ड्स का पहला ऑन-ग्राउंड संस्करण आईटीसी ग्रैंड सेंट्रल, परेल में आयोजित हुआ. इस संस्करण में कई प्रेरणादायक सफलताओं और विचारकों को एक साथ लाकर उन महिलाओं को सम्मानित किया गया, जो भारत में सफलता को फिर से परिभाषित कर रही हैं और बदलाव ला रही हैं.
सुपरवुमनिया शो पिछले 5 वर्षों से प्रसारित हो रहा है, जिसमें महिलाओं के साथ विभिन्न बातचीतों में कई दिल छू लेने वाले पल देखने को मिले हैं. इस शो के माध्यम से हमें कई महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियों से रूबरू होने का मौका मिला, जो न सिर्फ सीमाओं को पार कर रही हैं, बल्कि सशक्तिकरण की दिशा में भी काम कर रही हैं, और साथ ही साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए नए रास्ते भी बना रही हैं.
इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. उत्कृष्टता और सहनशीलता का प्रतीक कहीं जाने वालीं इन हस्तियों में एक्ट्रेस और जेंडर जस्टिस एडवोकेट हुमा कुरैशी, निर्भीक पत्रकार बरखा दत्त, मशहूर एक्ट्रेस तापसी पन्नू, मशहूर कॉमेडियन और टीवी पर्सनैलिटी भारती सिंह, एक्ट्रेस रसिका दुग्गल, छाया कदम, गायिका और कलाकार सोना महापात्रा, स्क्रीनराइटर कनिका ढिल्लों और ओलंपियन मनु भाकर जैसे नाम शामिल रहे.
इस कार्यक्रम में कई नई बॉन्डिंग्स भी देखने को मिलीं, जैसे कि राजा कुमारी और तापसी पन्नू के बीच दोस्ती और रसिका दुग्गल का निशा मधुलिका के साथ एक फैन-गर्ल मोमेंट. यह कॉन्क्लेव एक शताब्दी पुरानी पितृसत्तात्मक सोच को तोड़ने की मिसाल भी बना, जब मातृत्व और सफलता को दो अलग-अलग विषय माना जाता था. यह सोच तब खत्म हुई, जब फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर नेहा नागर अपनी एक साल की बेटी के साथ पैनल में शामिल हुईं. ग्लोबल सेंसेशन राजा कुमारी ने भी अपने अगले प्रोजेक्ट से महिला सशक्तिकरण का उत्सव मनाने वाले कुछ छंद साझा किए. सुपरवुमानिया अवॉर्ड्स में राम संपत के साथ ‘मुझे क्या बेचेगा रुपैया’ पर सोना महापात्रा की अचानक प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केंद्र रही.
इस कॉन्क्लेव में असली जीवन की सुपरवुमानियाओं का भी सम्मान किया गया. रोशनी परवीन, जो जनता एक्सप्रेस वेलफेयर फाउंडेशन की प्रेरणा और आत्मा हैं, हजारों जरूरतमंदों के लिए एक चमकते हुए सितारे की तरह हैं. संयुक्त राष्ट्र द्वारा उन्हें ‘यंग एक्टिविस्ट लॉरेट 2023’ के रूप में मान्यता दी गई है. रोशनी ने अनगिनत युवतियों को बाल विवाह और घरेलू हिंसा के चंगुल से बचाया है. बबली गंभीर शारीरिक चुनौतियों के साथ जन्मी थीं, लेकिन उन्होंने इसे अपनी पहचान नहीं बनने दिया. अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से उन्होंने एक सफल ब्यूटी सैलून बनाया, जो न सिर्फ उन्हें समर्थ बनाता है, बल्कि अन्य युवतियों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है. भूमिका मलिंडा कई भूमिकाओं में दक्ष और संकल्पित हैं. कैनोपस मीडिया की सीओओ के रूप में उन्होंने कंपनी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुकाम हासिल कराए और 300 से ज्यादा ब्रांड्स के लिए अभियान चलाए. लेकिन, उनका रुझान सेक्स शिक्षा में है. यह भारत का सबसे बड़ा सेक्स शिक्षा समुदाय है. इस पहल के माध्यम से, भूमिका इस विषय पर खुलकर बात कर रही है, जिस पर समाज कभी बात नहीं करता है. साथ ही, वे इसके लिए जागरूकता फैला रही हैं और लाखों लोगों को ऐसे ज्ञान से सशक्त बना रही हैं, जो उनके जीवन को बदल सकता है.
शेफाली शाह ने कहा, “अवॉर्ड नाइट्स हमेशा ही रोमांचक होती हैं, लेकिन यह विशेष है, क्योंकि इसके माध्यम से हम महिलाओं को सम्मानित कर रहे हैं. मैं इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकी, यह मेरे लिए सम्मान की बात है.” जब उनसे पूछा गया कि उनकी पसंदीदा भूमिका कौन-सी है, तो इसके जवाब के रूप में उन्होंने कहा, “मैं बहुत भाग्यशाली हूँ, क्योंकि मुझे कई मजबूत किरदार निभाने का मौका मिला है. मैंने एक फिल्म की थी ‘वन्स अगेन’, फिर मेरी आखिरी फिल्म ‘थ्री ऑफ अस’, और निश्चित रूप से ‘डार्लिंग्स’ में मेरी भूमिकाएँ मेरे दिल के सबसे करीब हैं.”
तापसी पन्नू ने कहा, “चूँकि, यह पहली बार है जब ‘सुपरवुमनिया’ अवॉर्ड हो रहा है, तो मैंने खासतौर पर आज रात के लिए भारतीय सुपरवुमन का रूप अपनाया है. मेरे घर में चार पेंटिंग्स हैं, अमृता प्रीतम, फ्रिदा काहलो, सावित्रीबाई फुले और कल्पना चावला, ये महिलाएँ मुझे हर दिन प्रेरित करती हैं.”
कनिका ढिल्लों ने कहा, “मेरे लिए ‘सुपरवुमनिया’ वह व्यक्तित्व है, जो ‘नहीं’ को स्वीकार नहीं करती, जो खुद पर काम करती है और जो कभी घबराती नहीं है.” कनिका ने महिलाओं के लिए एक संदेश देते हुए कहा, “मुझे लगता है कि महिलाओं को खुद पर थोड़ा और विश्वास करना चाहिए. बहुत-से लोग उन्हें यह कहेंगे कि वे पर्याप्त नहीं हैं या वे कमजोर हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप सच में कौन हैं और खुद पर विश्वास रखें.”
रामेश मेनन, सीईओ, रेडियो बिजनेस (एचटी मीडिया लिमिटेड) ने कहा, “सुपरवुमनिया अवॉर्ड्स सिर्फ एक इवेंट नहीं है, बल्कि यह उन महिलाओं की शक्ति को पहचानने और बढ़ावा देने का क्राँतिकारी माध्यम है, जो सीमाओं को फिर से परिभाषित कर रही हैं और नई पीढ़ियों को प्रेरित कर रही हैं. यह मंच उनके साहस, जुनून और प्रभाव का सम्मान है, जो समानता की कहानी को आगे बढ़ा रहा है और समाज में बदलाव की एक लहर पैदा कर रहा है. ये शक्ति की कहानियाँ एक बेहतर और समावेशी भविष्य की नींव हैं.”
हुमा कुरैशी ने कहा, “सुपरवुमनिया अवॉर्ड्स से मुझे सम्मानित किए जाने के लिए मैं मंच की बहुत-बहुत आभारी हूँ. हमें वास्तव में ऐसे मंच, ऐसे पैनल की जरूरत है और मैं यहाँ आकर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूँ.”
यह कार्यक्रम सिर्फ एक उत्सव से कहीं अधिक था; यह महिलाओं द्वारा सामने लाई गई ताकत और क्षमता को उजागर करने वाला एक शक्तिशाली माध्यम बना, जिसने सभी को समानता और अवसर का भरपूर लाभ लेने के लिए प्रेरित किया.