Sambhal Shahi Jama Masjid survey dispute. संभल हिंसा मामले को लेकर दो थानों में 7 मुकदमे दर्ज हुए हैं. एसपी संभल ने बताया कि सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानी सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल को भी आरोपी बनाया गया है. इन पर दंगाइयों को भड़काने का आरोप है.
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संभल हिंसा और कार्रवाई को लेकर सोमवार को डीएम और एसपी ने प्रेसवार्ता भी की. जिसमें उन्होंने जानकारी दी. सब इंस्पेक्टर शाह फैजल ने नखासा थाने में 200 अज्ञात लोगों पर FIR कराई है. वहीं दीपक राठी एकता चौकी थाना कोतवाली पर 800 लोगों पर भी केस दर्ज हुआ है. इनमें सपा सांसद और सपा विधायक का बेटा भी शामिल है. SDM रमेश बाबू ने 800 अज्ञात लोगों पर FIR कराई है.
सर्वे को रेकने की कोशिश की गई थी- एसपी
एसपी ने बताया कि हिंसा में 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. संभल में धारा 163 लागू की गई है. वहीं इस मामले में अब तक 25 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. उन्होंने बताया कि भीड़ की तरफ से फायरिंग की गई थी. वहीं उन्होंने बताया कि कल यानी 26 नवंबर मंगलवार तक संभल में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी. फिलहाल CCTV से उपद्रवियों की तलाश की जा रही. उन्होंने ये भी बताया कि पथराव वाली जगह पर पुलिस को हथियार भी मिले हैं. उन्होंने कहा कि सर्वे को रोकने की कोशिश की गई थी.
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30 थानों की पुलिस तैनात
एसपी ने बताया कि संभल कोतवाली इलाके में 30 थानों की फोर्स तैनात की गई है. इसके अलावा छापेमारी भी की जा रही है. जिसमें हथियार और कारतूस भी जब्त किए गए हैं. इसके साथ ही 1 दिसंबर तक संभल में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है. सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधियों के संभल आने पर भी रोक लगा दी गई है. वहीं 12वीं तक के स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है. शाही मस्जिद के चारों तरफ के इलाके को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.
सर्वे के लिए पहुंची थी टीम
दरअसल, संभल जिले की जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में हरिहर मंदिर बताए जाने के बाद कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इसके सर्वे के आदेश दिया. उसी सर्वे के लिए दिन निकलते ही एकदम सुबह एडवोकेट कमिश्नर की टीम पहुंची थी. टीम के साथ सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एडवोकेट विष्णु शंकर जैन, डीएम डॉ राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी भारी पुलिस बल के साथ जामा मस्जिद पहुंचे थे.
सर्वे के दौरान पथराव
तनाव को देखते हुए आसपास के इलाके में RRF, PAC और स्थानीय पुलिस के जवानों को लगाया गया था. मस्जिद को जाने वाले हर रास्ते पर पहरा बैठाया गया था. टीम 24 नवंबर, रविवार सुबह करीब साढ़े 7 बजे पहुंची तो कुछ देर तो सब शांत ही था. लगा हालात बेहतर हैं. पुलिस अधिकारी भी निश्चिंत हो चले थे कि एकाएक 9 बजे के करीब अचानक से आक्रोशित लोगों की भीड़ मौके पर पहुंच गई और फिर पुलिस पर पत्थरबाजी शुरु कर दी.
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हिंदू पक्ष का दावा
बता दें कि 19 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. हिंदू पक्ष का दावा है कि जिस जगह पर शाही जामा मस्जिद मौजूद हैं, उस जगह पर श्री हरिहर मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाया गया है. इसी के बाद मामला इतना बढ़ा कि कोर्ट तक पहुंच गया. जिसके बाद कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया. इतना ही नहीं मस्जिद की 1879 की एक एएसआई (ASI) रिपोर्ट भी सामने आई. जिसकी चर्चा भी होने लगी.
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शिलालेख में बाबर के दरबारी का उल्लेख
मस्जिद की जगह हिन्दू मन्दिर को तोड़ कर बनाया जाने पर ASI का सबसे बड़ा तर्क मस्जिद का शिलालेख था. जिसका उल्लेख करते हुए ASI ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि मस्जिद में मौजूद शिलालेख जिस पर दर्ज है कि हिंदू मंदिर से इसे मस्जिद में परिवर्तित करने वाले व्यक्ति का नाम मीर हिंदू बेग है जो कि बाबर का दरबारी था. हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में बाबरनामा, आइन–ए–अकबरी किताब और ASI की सर्वे रिपोर्ट को कोट किया है. याचिका में कहा गया है कि बाबरनामा में लिखा है– ‘बाबर के आदेश पर 933 हिजरी में हिंदू मंदिर को मस्जिद में बदल दिया गया था’. आइन–ए–अकबरी में लिखा है– ‘संभल में विष्णु का मंदिर है. ये एक प्राचीन स्थान है, जो शेख फरीद–ए–शकर गंज के उत्तराधिकारी जमाल का विश्राम स्थल है’. ASI की रिपोर्ट 1874–76 के सर्वेक्षण की है. इसमें सतयुग से कलयुग तक संभल का इतिहास बताया गया है. संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर सर्वे का आदेश दे दिया है. मस्जिद का सर्वे शुरू हो गया है. कोर्ट में अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.
मुस्लिम पक्ष का इंकार
दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष के हिंदू पक्ष के दावे को नाकर दिया है. संभल जामा मस्जिद के अध्यक्ष मोहम्मद जफर का दावा है कि मस्जिद किसी भी मंदिर को तोड़ कर नहीं बनी और मस्जिद के हिन्दू मंदिर के कोई निशान नहीं है. उन्होंने जामा मस्जिद के कोर्ट कमिश्नर सर्वे के आदेश पर हैरानी की. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है एक ही दिन में कोर्ट के मामला आया, उसी दिन सुनवाई हुई और याचिका स्वीकार होकर कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश होता है और उसी रात सर्वे शुरू भी कर दिया. बता दें कि मस्जिद में कोर्ट कमिश्नर सर्वे का पहला चरण मंगलवार को हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आने वाले दिन में अभी फिर से सर्वे टीम मस्जिद में जाकर सर्वे का काम पूरा करेगी और कोर्ट को 29 नवंबर को रिपोर्ट सौंप सकती है.
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