पंजाब की चार सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजों को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यह चुनाव बिना किसी प्रमुख नेता के लड़ा, जिसके कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब बीजेपी अध्यक्ष जाखड़ ने प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाई होती, तो नतीजे अलग होते।
बिट्टू ने दावा किया कि बीजेपी कम से कम दो सीटें जरूर जीत सकती थी। उनका कहना था कि चुनावी मैदान में अध्यक्ष की गैरमौजूदगी ने बड़ा असर डाला। अन्य दलों के अध्यक्ष और महासचिव मैदान में थे, जबकि बीजेपी की ओर से केवल कार्यकर्ता ही संघर्ष कर रहे थे।
बिट्टू ने आगे कहा कि जाखड़ द्वारा प्रचार न करने के पीछे कोई कारण हो सकता है, और उन्होंने पहले ही इस मामले पर सफाई दे दी है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि जाखड़ जिस प्रकार मुद्दों को उठाते हैं, उनकी प्रचार मुहिम से पार्टी को निश्चित रूप से फायदा होता। अब इस मामले पर हाईकमान उनसे चर्चा करेगा, ताकि सभी समस्याओं का समाधान किया जा सके। पहली बार ऐसा हुआ कि उपचुनावों में बीजेपी को बेहतर प्रचार का मौका मिला, क्योंकि किसानों ने इस बार उनका विरोध नहीं किया। इसके लिए उन्होंने किसानों का धन्यवाद भी किया।
वड़िंग और रंधावा को देना चाहिए इस्तीफा : बिट्टू
बिट्टू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करते हुए पार्टी अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री की पत्नियों को चुनावी मैदान में उतारा, जिसके कारण जनता ने उनकी घमंड तोड़ दिया। बिट्टू का मानना था कि अगर योग्य नेताओं को टिकट दी जाती, तो कांग्रेस को फायदा हो सकता था।
उन्होंने बर्नाला के नतीजों का जिक्र करते हुए कहा कि यह सबके सामने है। गिद्दड़बाहा में, उन्होंने खुद मोर्चा संभाला था ताकि उन्हें हराया जा सके। हार की जिम्मेदारी लेते हुए, राजा वड़िंग और सुखजिंदर रंधावा को अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए।
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