रायपुर– भाजपा के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार अग्रवाल ने शनिवार को एकात्म परिसर में एक पत्रकार के साथ हुई दुर्व्यवहार की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. अग्रवाल ने कहा कि मेरे परिवार के एक सदस्य भी पत्रकार रहे हैं, इसलिए मैं पत्रकारिता और पत्रकारों का सम्मान करता आया हूं. मेरे जीवन की यह पहली दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. भविष्य में ऐसी घटना किसी पत्रकार साथी के साथ ना हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा. मेरा रायपुर प्रेस क्लब और पत्रकार साथियों से निवेदन है कि वे भी धरना समाप्त कर विवाद को खत्म करें.

अग्रवाल ने पूरे घटनाक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शहर जिला भाजपा की ओर से हमने एक समीक्षा बैठक दोपहर 3 बजे रखी थी. चूंकि यह संगठनात्मक बैठक थी इसलिए मीडिया को भी आमंत्रित किया गया था. बैठक शुरू हुई तो मीडिया से आग्रह किया गया कि वे फोटो इत्यादि खींचकर बाहर चले जाएं.

अधिकांश पत्रकार साथी तो चले गए पर एक लड़का, कार्यकर्ताओं के बीच बैठ गया तथा चुपचाप वीडियो बनाकर उसे बाहर भेजने लगा. लगभग 4.30 बजे कार्यकर्ताओं ने जब देखा तो उन्हें यह आपत्तिजनक लगा. उन्होंने उनसे वीडियो को डिलीट करने का आग्रह किया. पत्रकार ने प्रेस से होने का हवाला दिया तो कार्यकर्ताओं ने उनसे परिचय पत्र दिखाने का आग्रह किया पर पत्रकार ने कहा कि मेरे पास आईडी नहीं है. मैं वीडियो भी डिलीट नही करूंगा, चाहे तो आप मेरी पिटाई कर दो. इसके बाद हमने पत्रकार को मंच पर बिठा दिया.

राजीव अग्रवाल ने आगे कहा कि कुछ देर में नीचे पत्रकारों इकटठा हुए और हंगामा शुरू हुआ तो हालात का जायजा लेने नीचे पहुंचा और घटना के लिए क्षमा भी मांगी. हमारे मंडल अध्यक्ष अवतार सिंह बागल के साथ मारपीट भी हुई जिसका वीडियो भी बनाया गया है. अफसोस कि इस घटना का लाभ उठाने के लिए कुछ असामाजिक तत्व भी घुस आए, जिन्होंने आग में घी डालने का काम किया.

भाजपा जिलाध्यक्ष ने अफसोस जताया कि छोटी सी घटना को बड़ी बताकर इसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने याद दिलाया कि किस तरह साल 2002 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. रातोंरात वरिष्ठ और बुजुर्ग पत्रकार स्वर्गीय राजनारायण मिश्र के घर पर हमला हुआ था. एक अखबार के ऑफिस में रात को घुसकर गुंडों ने पत्रकारों पर हमला किया था. दुखद यह कि उस दौरान किसी की गिरफ्तारी तक नहीं हुई थी पर बीजेपी पत्रकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी थी.

राजीव अग्रवाल ने आगे कहा कि घटना के कुछ समय बाद मुझे कार्यकर्ताओं ने बताया कि पत्रकारों की ओर से एफआईआर कराई गई है. उसके बाद कार्यकर्ताओं का मुझ पर यह दवाब था कि मेरी ओर से भी काउंटर एफआईआर होनी चाहिए परंतु मैंने इनकार कर दिया क्योंकि पत्रकार साथी हमारे अपने हैं तथा मामले को और ज्यादा खींचना ठीक नहीं. अफ़सोस कि कुछ लोग इस विवाद का राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं जो कि निंदनीय है.