सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को वायु प्रदूषण मामले में सुनवाई हुई, जिसमें शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और AQI डाटा मांगा. दिल्ली-NCR में फिलहाल ग्रैप-4 ही लागू रहेगा. सोमवार को कहा कि हम स्टेज 3 या 2 में नहीं जा सकते जब तक अदालत इस बात को लेकर संतुष्ट नहीं हो जाती कि एक्यूआई में लगातार गिरावट है. दिल्ली-NCR में फिलहाल ग्रैप-4 ही लागू रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि हम स्टेज 3 या 2 में नहीं जा सकते जब तक अदालत इस बात को लेकर संतुष्ट नहीं हो जाती कि एक्यूआई में निरंतर गिरावट है. हालांकि, कोर्ट ने स्कूलों को लेकर नरमी बरतते हुए कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) को फैसला लेने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम को तुरंत विचार करने को कहा कि क्या स्कूलों को फिजिकल क्लास से छूट दी जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि इन तथ्यों को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जा सकता है कि कुछ बच्चे मिड-डे-मील से वंचित हैं और उनके पास ऑनलाइनपढ़ाई करने के लिए आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं. फिलहाल, दिल्ली-एनसीआर में सभी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं.
कोर्ट ने कहा मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी. जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और जस्टिस अभय एस ओका की बेंच ने कहा, ‘हम जब तक इस बात को लेकर संतुष्ट न हो जाएं कि AQI में लगातार कमी आ रही है, हम जीआरएपी-3 या जीआरएपी-2 से कम के प्रतिबंध लगाने का आदेश नहीं दे सकते.’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि GRAP-4 ने समाज के कई हिस्सों को प्रभावित किया है. CAQM अधिनियम के तहत विभिन्न अधिकारियों को निर्देश देने का अधिकार रखता है ताकि कर्मचारियों और आम ग्रामीणों को नुकसान नहीं हो. इस प्रकार, हम CAQM को अधिनियम की धारा 12 के तहत विभिन्न शमन उपायों का पालन करने की सलाह देते हैं.
हमें दिल्ली सरकार का आदेश दिखाएं…
सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि ट्रकों की जांच निजी ऑपरेटरों ने की थी और इसके लिए कोई अतिरिक्त पुलिस बल नहीं भेजा गया था. जस्टिस अभय एस ओका ने कहा कि हमें दिल्ली सरकार की अधिसूचना दिखाएं, जिसमें इस तरह के अंकों के प्रबंधन के लिए टीमें बनाई गईं. दिल्ली सरकार ने उत्तर दिया कि निकास बिंदुओं पर नगर निगम कर्मचारी, नागरिक सुरक्षा कार्यकर्ता और दिल्ली पुलिस अधिकारी तैनात थे. इस पर जस्टिस ओका ने कहा कि हमें पुलिस को क्या करना चाहिए दिखाएं. कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा नहीं है, तो पुलिस कैसे काम करेगी.
कई प्वाइंट्स पर न स्टाफ और न बैरिकेड
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि रिपोर्ट को देखे बिना हम कह सकते हैं कि अभी भी कोई जांच बिंदु नहीं हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हम जानना चाहते थे कि क्या ऐसे चेक पोस्ट हैं जो ऐसे ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाते हैं. कोर्ट कमिश्नर ने कहा कि दिल्ली सरकार परिवहन विंग से कोई कर्मी चेक कर रहा था, लेकिन यह कितना प्रभावी था यह देखना होगा. हमने 83 चेक पोस्टों को देखा, हर एक में अलग-अलग परिभाषा थी. ट्रकों को रोकने के लिए पुलिस वाले बीच सड़क पर कूद रहे थे, और पुलिसकर्मियों की जान भी खतरे में है क्योंकि वहाँ कोई बैरिकेडिंग नहीं है.
छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक