विक्रम मिश्र,लखनऊ। उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट में उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। लखनऊ हाईकोर्ट के जस्टिस पंकज भाटिया की एकल पीठ ने सोमवार को भाजपा नेता बाबा गोरखनाथ की याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने याचिका वापस लेने को मंजूरी दी। भाजपा नेता गोरखनाथ बाबा और निर्दलीय प्रत्याशी राम अमृत ने समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद के खिलाफ दाखिल याचिका को वापस ले लिया है।

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यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा मामला

यह पूरा मामला साल 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने 13,000 से अधिक वोटों से भाजपा प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ को हरा दिया था। हार के बाद BJP प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि अवधेश प्रसाद ने गलत हलफनामा दाखिल किया। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने मिल्कीपुर विधायक को अयोध्या से टिकट दिया और वे चुनाव जीतकर सांसद बने।

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चुनाव आयोग पर सबकी नजर

अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई लेकिन चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया, तो उसमें मिल्कीपुर सीट शामिल नहीं था। जिसके बाद से बयानबाजी शुरु हो गई, समाजवादी पार्टी ने हार के डर से भाजपा पर चुनाव न कराने का आरोप लगाया। अब मिल्कीपुर सीट पर फैसला आ जाने के बाद, सभी की निगाहें केंद्रीय चुनाव आयोग पर है। हालांकि कोर्ट ने बाबा गोरखनाथ की याचिका को खारिज करने के बाद यहां पर नए चुनाव का रास्ता साफ कर दिया है।