विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में हुए 9 सीटों में भले ही 7 सीट पर भाजपा और दो सीट पर सपा को जीत मिली हो, लेकिन करहल में वोट ग्राफ के बढ़ने से भाजपा खेमे में खुशी और चमक दिख रही है. ऐसे में करहल के लिए बनी रणनीति को अब भारतीय जनता पार्टी सैफई, इटावा, मैनपुरी, जसवंतनगर, बदायूं में अपनाने जा रही है. ऐसे में समाजवादी पार्टी को अपने ही घर मे घिरने से चुनौती बढ़ गई है.
अब तक यादव के खिलाफ गैर यादव उतारती रही भाजपा
आलू बेल्ट में अब तक रणनीति के लिहाज से भाजपा यादव बिरादरी के उम्मीदवार के खिलाफ गैर यादव को तरजीह देती थी, लेकिन करहल में तेज प्रताप यादव के सामने अनुजेश यादव को उतारकर भाजपा ने नई रणनीति को लॉन्च कर दिया है.
करहल में 60 फीसदी यादव और 35 फीसदी शाक्य वोटर हैं. बावजूद इसके भाजपा ने सपा को उसके ही घर मे घेरने के लिए अखिलेश यादव के रिश्तेदार अनुजेश यादव पर दांव लगाया था. जिसका फायदा वोट प्रतिशत बढ़ने के रूप में भाजपा को मिला भी.
सपा से नाराज़ यादव नेताओ को भाजपा में लाने की तैयारी
करहल चुनाव में सीट भले ही भाजपा के पास न आई हो, लेकिन वोट ग्राफ से उतसाहित भाजपा अब समाजवादियों को उनके घर मे घेरने के लिए मजबूत क़िलाबन्दी कर रही है. करहल में ही अनुजेश के लिए भाजपा ने घर-घर प्रचार के लिए यादव नेताओं को उतारा, जिसका फायदा भी मिला. सपा नेताओं के करीबी रहे पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव के बेटे सचिन यादव करहल चुनाव में ब्लॉक और पंचायत स्तर पर चुनाव प्रचार किया था.
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