हेमंत शर्मा, इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर, इन दिनों 41वीं यूरेशियन ग्रुप की बैठक की मेजबानी कर रहा है। यह बैठक भारत में 16 साल बाद और इंदौर में पहली बार आयोजित हो रही है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल की मेजबानी में हो रही इस बैठक में 25 देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधि इंदौर पहुंचे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने lalluram.com से खास बातचीत करते हुए बताया है कि किस तरह से टेरर फंडिंग और मनी लांड्रिंग साइबर अपराध की रणनीति पर काम किया जाता है। इस पर सभी देश आपस में चर्चा करते हैं। यह बैठक 3 साल पहले भारत में होना तय की गई थी। लेकिन यह बैठक कहां होनी है, यह निर्णय भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने तय किया था। इसमें देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को यूरेशियन बैठक की मेजबानी करने का मौका मिला है। 

साइबर क्राइम रोकथाम में भारत की भूमिका

बैठक में शामिल देशों ने भारत की साइबर क्राइम रोकथाम और टेरर फंडिंग के खिलाफ अपनाई गई रणनीतियों की प्रशंसा की। कई देशों ने स्वीकार किया कि भारत की इन नीतियों को अपनाने के बाद उन्होंने अपने यहां टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है। अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने लल्लूराम.कॉम से खास बातचीत में बताया कि साइबर अपराधी आमतौर पर किराए पर लिए गए बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल करते हैं। इन अकाउंट्स से पैसे विदेशी खातों में भेजे जाते हैं। वित्त मंत्रालय इन पर कड़ी निगरानी रख रहा है और अब तक कई अकाउंट्स को फ्रीज किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर साइबर अपराध की शिकायत समय पर की जाती है तो पैसे की रिकवरी जल्दी की जा सकती है।

नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों पर सख्त कदम

Lalluram.com द्वारा पूछे गए सवाल जो लोग देश के 16000 करोड़ रुपए खाकर भागे हैं उनके खिलाफ वित्त मंत्रालय क्या कुछ कड़े कदम उठा रहा है। इस पर चर्चा करते हुए सचिव ने बताया कि नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे अपराधियों को वापस लाने के लिए वित्त मंत्रालय ने कड़े कदम उठाए हैं। भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन भगोड़ों को वापस लाने और उनसे 16,000 करोड़ रुपये वसूलने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका EOW की भी अहम मानी जा रही है जो की जल्दी इस रिकवरी को करने में सफलता हासिल कर सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी पर सख्त नजर

वित्त मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरंसी के फर्जी इन्वेस्टमेंट के मामलों की लगातार जांच की जा रही है। मंत्रालय का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी पर नजर बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि इसका इस्तेमाल आतंकवाद को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।

मनी लॉन्ड्रिंग पर फोकस

बैठक में मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर भी चर्चा हुई। वित्त मंत्रालय ने बताया कि ऐसे बैंक अकाउंट्स, जिनमें पहले कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ और अचानक उनमें 10 लाख रुपये से ज्यादा के लेनदेन शुरू हो जाते हैं, उन्हें तुरंत होल्ड कर लिया जाता है। साथ ही, पैन कार्ड का फर्जी उपयोग करके बनाई गई बोगस कंपनियों की जांच भी तेजी से की जा रही है। बैठक में यह साफ तौर पर नजर आया कि भारत अब साइबर सुरक्षा और वित्तीय अपराध रोकथाम में विश्व गुरु के रूप में उभर रहा है। भारत की रणनीतियां न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी असरदार साबित हो रही हैं।

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