Land of Bettiah Maharaj: बिहार विधानसभा में आज मंगलवार 26 नवंबर को राज्य सरकार की ओर से बेतिया महाराज की संपत्ति से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक पास कराया गया. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने विधेयक को सदन में पेश किया था, जिस पर चर्चा के बाद उसे सदन से पास किया गया. विधेयक के पास होते ही बेतिया महाराज की जमीन अब बिहार सरकार की हो गई.
बिहार सरकार की हुई 15, 200 एकड़ से अधिक जमीन
विधेयक पास होने पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया कि, बेतिया महाराज की अंतिम रानी को कोई संतान नहीं था. अंग्रेज सरकार ने उन्हें अक्षम घोषित कर उनकी संपत्ति को कोर्ट ऑफ वार्डस को दे दिया था. बिहार सरकार के पास लंबे समय से यह मामला था और मंगलवार को सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बेतिया महाराज की 15, 200 एकड़ से अधिक जमीन को लेकर विधेयक पास कराया है. अब यह संपत्ति सरकार के अधीन हो जाएगा.
अतिक्रमण मुक्त होगी बेतिया राज की जमीन
बता दें कि बेतिया महाराज की संपत्ति का मामला लंबे समय से विवादों में रहा है. वहीं, अब सरकार की ओर से कानून बनाया गया है, इस पर दिलीप जायसवाल ने कहा कि, समस्या के समाधान के लिए ही विधेयक पास कराया गया है. बेतिया राज की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों पर अब बिहार सरकार का डंडा चलेगा. बिहार सरकार ने बेतिया राज की जमीन को हर हाल में अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.
बेतिया में लगभग 10,000 एकड़ जमीन:
आपको बता दें कि पूरे बिहार में बेतिया राज की 15,000 एकड़ जमीन है. सिर्फ बेतिया में लगभग 10,000 एकड़ जमीन है. राजस्व पर्षद अध्यक्ष केके पाठक के निर्देश पर बेतिया राज के अतिक्रमित भूमि को बहुत जल्द अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा. इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है. कुछ दिन पहले बेतिया डीएम दिनेश कुमार राय ने खुद बेतिया राज सचिवालय का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान एक-एक बिंदुओं पर जांच कर उसकी रिपोर्ट बिहार सरकार को सौंपी गई थी.
पूरे जमीन का मूल्य 7,960 करोड़
बेतिया नरेश राजा हरेंद्र किशोर सिंह की 26 मार्च 1893 को मृत्यु हो गई थी. उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं था. राजा हरेंद्र किशोर सिंह की दो पत्नियां- महारानी शिव रत्ना कुंवर और महारानी जानकी कुंवर थीं.
बेतिया राज का कोई भी उत्तराधिकारी नहीं हैं, जिस कारण बेतिया राज की संपत्ति करीब सौ वर्षों से कोर्ट ऑफ वार्ड्स के अधीन है. जमींदारी कानून में बदलाव के करीब 70 साल बाद बिहार की तीसरी सबसे बड़ी जमींदारी में शामिल बेतिया राज की 15 हजार एकड़ जमीन का बिहार सरकार अधिग्रहण करने की तैयारी कर चुकी है. बेतिया राज के पूरे जमीन का मूल्य करीब 7,960 करोड़ है.
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अंग्रेजों ने दूसरी रानी को घोषित किया था अक्षम
राजा हरेंद्र किशोर सिंह की दो रानियां थी. बेतिया नरेश की पहली पत्नी शिव रत्ना कुंवर की मृत्यु 1896 में हो गई. वहीं, अंग्रेजों द्वारा दूसरी महारानी जानकी कुंवर संपत्ति का प्रबंधन करने में सक्षम नहीं थीं. इसलिए इसका प्रबंधन ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ द्वारा किया गया. महारानी जानकी कुंवर की मृत्यु 1954 में हो गई. पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों के अलावा बेतिया राज की जमीन बिहार के गोपालगंज, सिवान, सारण और पटना तक फैली थी.
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