Bihar News: संविधान दिवस के अवसर पर कल मंगलवार 26 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मैथिली और संस्कृत में संविधान का विमोचन किया था. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, राहुल गांधी और अन्य नेता उपस्थित थे. मैथिली भाषा के लिए यह एक बड़ा कदम है, जिसे 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया था. मैथिली को 2004 में आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला था.

दिलीप जायसवाल ने जाहिर की खुशी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मैथिली भाषा में संविधान की प्रतियां जारी करने पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल ने खुशी जाहिर की है. आज बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “कल भारत के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण दिन था, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैथिली भाषा को संविधान में शामिल किया.”

दिलीप जायसवाल ने कहा कि, “मैथिली बिहार के मिथिलांचल की भाषा है और मिथिलांचल के लोग, चाहे वे दुनिया में कहीं भी रहते हों, उन्हें आज यह जानकर बहुत खुशी हुई होगी कि प्रधानमंत्री मोदी ने मैथिली को इतना महत्व और सम्मान दिया है.”

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राबड़ी देवी ने कि मिथिला राज बनाने की मांग

आपको बता दें कि आज बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधान परिषद में बीजेपी के विधान पार्षद लगातार मैथिली में संविधान के अनुवाद होने पर पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दे रहे थे.

इसी क्रम में पूर्व सीएम और राजद नेता राबड़ी देवी ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मैथिली में संविधान के अनुवाद होने पर बधाई तो जरूर दी है, लेकिन एक बड़ी मांग भी कर दी है कि अलग मिथिला राज बन जाता तो बहुत अच्छा होता.

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