दिल्ली. कश्मीर मुद्दे पर रास्ता नहीं तलाश पाने के लिए पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ जिम्मेदार थे क्योंकि सरकार की अनुमति के बगैर उन्होंने करगिल अभियान की शुरुआत कर दी जिससे भारत के साथ वार्ता ”टूट गई और नवाज शरीफ सरकार गिर गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के एक निकट सहयोगी ने यह बात कही।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज के नेता और सीनेटर परवेज राशिद ने संवाददाताओं से कहा कि ”शरीफ और भारतीय नेतृत्व कश्मीर मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे और भारतीय नेतृत्व इसके समाधान के लिए तैयार था, लेकिन मुशर्रफ ने वार्ता को तोड़ने और शरीफ सरकार को अपदस्थ करने के लिए करगिल अभियान छेड़ दिया।

जनरल मुशर्रफ (75) वर्तमान में दुबई में रहते हैं और 2007 में संविधान को निलंबित रखने के लिए देशद्रोह के आरोप सहित कई आरोपों का सामना कर रहे हैं। पूर्व सैन्य शासक उपचार के लिए 2016 में संयुक्त अरब अमीरात रवाना हुए थे और तब से वह नहीं लौटे हैं।

करगिल अभियान को ‘दु:साहस करार देते हुए उन्होंने कहा, ”कश्मीरियों का खून बहने के जिम्मेदार जनरल मुशर्रफ हैं। कश्मीरियों की दुर्दशा का कारण मुशर्रफ हैं क्योंकि उन्होंने इस मुद्दे का समाधान नहीं होने दिया।

शरीफ के निकट सहयोगी राशिद ने कहा कि अक्टूबर 1999 में शरीफ की सरकार को अपदस्थ करने से भी मुशर्रफ का बड़ा अपराध करगिल युद्ध था। राशिद ने मांग की कि मुशर्रफ को उनके अपराध और खासकर कश्मीरियों के प्रति अपराध के लिए उन पर मुकदमा चलाया जाए।

सीनेटर ने दावा किया कि मुशर्रफ के इस दु:साहस से पहले भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लाहौर आए थे और पाकिस्तान की स्थापना को स्वीकार करने के लिए मीनार-ए-पाकिस्तान गए थे।