धर्मेंद्र ओझा, भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड जिले में खाद की किल्लत से अन्नदाता परेशान है। अन्नदाताओं को टोकन सेंटर पर ही रात गुजारना पड़ता है। 10 दिनों तक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, तब जाकर टोकन और खाद मिलता है। वहीं खाद की समस्या को लेकर संबंधित अधिकारी कोई भी बयान देने से बचते नजर आ रहे हैं।
भिंड जिले में सभी किसान खाद को लेकर परेशान नजर आ रहे है। किसानों को सेंटर पर टोकन लेने के लिए रात वहीं गुजारनी पड़ रही है। खाद की बोरी लेने के लिए किसानों को 10 से 15 दिन की कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, तब जाकर खाद मिलती है। एक तरफ तो किसानों का फसल की बुवाई का समय चल रहा है, दूसरी तरफ देखा जाए तो वहां पर तैनात पुलिस की भी मार सहनी पड़ रही है। कभी-कभी तो पुलिस भी किसानों के साथ में अभद्रता करती है।
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खाद की समस्या को लेकर जिले के किसी भी अधिकारी से मिलने के लिए जाओ तो संबंधित अधिकारी बयान देने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि संबंधित अधिकारी अपनी अपनी कमी छुपाने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं। वहीं इस मामले में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने खुले शब्दों में कह दिया कि मैं बाइट नहीं देता।
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एडीएम ने भी बयान देने से इनकार कर दिया। जब इस विषय में एसडीएम से बात की तो उन्होंने भी कुछ कहने से मना कर दिया। इधर, खाद्य विभाग अधिकारी अपनी ऑफिस में नजर नहीं आए, जब वहां के कर्मचारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि आज साहब ग्वालियर विपणन बोर्ड में काम से गए है।
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