शब्बीर अहमद, भोपाल। इंजीनियर के डिजिटल अरेस्ट मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपी धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के महोबा से गिरफ्तार किया है, वहीं कानपुर निवासी एक आरोपी दुर्गेश सिंह फरार है। आरोपी फ्री में सिम बांटकर ग्रामीणों के साथ ठगी करते थे। एयरटेल टेलिकॉम कंपनी का एजेंट बनकर आरोपी गांव पहुंचते थे।ग्रामीण को फ्री की सिम का लालच देकर ठगी करते थे। जालसाजी करते हुए कस्टमर को एक सिम देता और दूसरी सिम निकालकर खुद रख लेता था। धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा सिम को ठगों को मोटी रकम में बेच देता था।
इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट मामले में जिस नंबर से फोन आया था वो विकास साहू नाम के व्यक्ति को जारी हुई थी। विकास साहू से पूछताछ में बताया कि धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा ने फ्री की सिम दी थी। आरोपी धर्मेंद्र विश्वकर्मा को जब पुलिस ने पकड़ा तब बताया कि वो एक सिम कस्टमर को देता और दूसरी खुद के पास रख लेता था। सिम को धर्मेंद्र कुमार मोटी रकम में आरोपियों को बेच देता था। धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि अबतक ठगों को 150 से अधिक सिम बेच चुका है। ठगों ने इंजीनियर को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की फोन पर धमकी दी थी। ठगों ने खुद को सीबीआई (CBI) का अफसर बताया था
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