गरियाबंद. आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय में 5 और 6 दिसंबर को आयोजित होने वाले दो दिवसीय नेशनल सेमिनार में छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के भास्कर राव पांढरे को विषय विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया गया है. भास्कर राव वर्तमान में महासमुंद जिले के कोमाखान में निवास कर रहे हैं.
सामवेद पर शोध पत्र करेंगे प्रस्तुत
भास्कर राव इस सेमिनार में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए ‘भारतीय ज्ञान परंपरायाम् उपासनाक्षेत्रे सामवेद वाङ्गमयस्य अवदानम्’ शीर्षक पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे. भास्कर राव छत्तीसगढ़ के एकमात्र शोधार्थी हैं, जो सामवेद पर पीएचडी कर रहे हैं. उनका शोध कार्य पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के प्रोफेसर रामकिशोर मिश्र के निर्देशन में चल रहा है.
विशेष सम्मान और बधाई
भास्कर राव को विषय विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किए जाने पर उनके शोध निर्देशक प्रो. रामकिशोर मिश्र, संस्कृत कॉलेज रायपुर की प्राचार्या डॉ. राधा पांडेय, प्राध्यापक डॉ. सत्येन्द्र शर्मा, डॉ. राघवेंद्र शर्मा, डॉ. हेमंत शर्मा, डॉ. विजय शर्मा और अन्य शुभचिंतकों ने बधाई दी है. इसके अलावा इष्ट मित्रों, पत्रकार संघ, और गरियाबंद जिले के गणमान्य लोगों ने भी उनके इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है.
छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण
भास्कर राव का तिरुपति के वैदिक विश्वविद्यालय में नेशनल सेमिनार में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करना राज्य के लिए गर्व की बात है. यह न केवल सामवेद की प्राचीन परंपरा को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर है, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और शैक्षिक पहचान को भी बढ़ावा देगा.