रोहित कश्यप, मुंगेली। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने 28 नवंबर को CGPSC 2023 का रिजल्ट जारी किया, जिसमें मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड के ग्राम नवागांव वेंकट की कुमारी किरण राजपूत ने चौथा रैंक हासिल किया है. कलेक्टर राहुल देव और पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने जिले की बेटी की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कुमारी किरण और उनके परिजनों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी.
जिला कलेक्टोरेट में मुलाकात के दौरान कलेक्टर ने कहा कि एक किसान की बेटी ने कई चुनौतियों के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सीजीपीएससी में चौथा रैंक हासिल किया है, जो जिले के लिए गौरव की बात है. कलेक्टर ने कुमारी किरण राजपूत को अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करने, दीन दुखियों व गरीबों को न्याय दिलाने और अपनी सभ्यता-संस्कृति को सहेजते हुए कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया. कलेक्टर ने जिले के प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि प्रतिभा के सामने सारी चुनौतियां नतमस्तक है. अपनी मेहनत और लगन को जारी रखते हुए विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए भी लक्ष्य से नहीं भटकना है, तभी आपको मंजिल मिलेगी. पुलिस अधीक्षक ने कुमारी किरण को इस सफलता के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी और आगे भी अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया.
पिता ने तीसरी कक्षा में कहा था- बेटी एसडीएम बनना
कुमारी किरण राजपूत ने बताया कि उनका पारिवारिक पृष्ठभूमि कृषक परिवार से है. वह 2021-22 से बिलासपुर में रहकर सीजीपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थी. उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल और कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई झाफल में हुई. बिलासा गर्ल्स कॉलेज बिलासपुर में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद निजी संस्थान से कोचिंग की, जिसके बाद घर में सेल्फ स्टडी कर परीक्षा की तैयारी कर रही थी. पहले प्रयास में सीजीपीएससी की मुख्य परीक्षा में नहीं निकलने पर उनका आत्मविश्वास कम हो गया था, लेकिन परिजनों ने हौंसला बढ़ाते हुए तैयारी जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसका सकारात्मक परिणाम सीजीपीएससी 2023 के रिजल्ट में देखने को मिला. वह दूसरे प्रयास में चौंथे रैंक से परीक्षा पास की.
किरण बताती है कि जब वह तीसरी कक्षा में थी, तब उनके पिता ने कहा था कि बेटी एक दिन एसडीएम बनकर मेरा सपना पूरा करना, तब किरण उस समय एसडीएम क्या होता है, यह जानती भी नहीं थी. 12वीं तक आते-आते उनको एसडीएम जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद के बारे में जानकारी हुई. तब से वह एसडीएम किस क्षेत्र में और कैसे पढ़ाई करने से बना जा सकता है, इसको लक्ष्य बनाकर तैयारी करने लग गई. हालांकि किरण का सपना है कि वह एसडीएम बनना चाहती है और इस परीक्षा परिणाम में जो उनको रैंक हासिल हुआ है, उससे यह स्पष्ट नहीं है कि वह डिप्टी कलेक्टर बन पाएगी या नहीं.
शुरू से पढ़ाई में मेधावी थी किरण
उनका मानना है कि उनको फूड ऑफिसर का पद मिल सकता है. यही वजह है कि वह डिप्टी कलेक्टर बनते तक अपना लक्ष्य जारी रखने की बात कही. किरण के पिता गजेन्द्र सिंह राजपूत ने अपनी बेटी की सफलता पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि किरण शुरू से पढ़ाई में मेधावी थी, जिसके चलते उन्हें उम्मीद थी कि वह एक दिन अफसर बनकर परिवार, समाज और जिले का नाम रोशन करेगी. किरण की माता सरोज राजपूत ने बेटी की सफलता का श्रेय परिवारजनों को देते हुए प्रसन्नता जाहिर की.
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