Shanishchari Amavasya: मार्गशीर्ष अमावस्या इस बार 30 नवंबर, शनिवार को मनाई जाएगी. इस साल की आखिरी शनि अमावस्या है. अमावस्या शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है. इस दिन कई शुभ घटनाएं घट रही हैं जो किस्मत बदल सकती हैं. ऐसे में लोगों को शनिदेव से जुड़े कुछ सरल उपाय करने चाहिए. इन उपायों को करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और कष्टों का नाश होता है. साथ ही शनिदोष से भी राहत मिलती है. शनिश्चरी अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से शनिदेव की कृपा आप पर बनी रहेगी और भाग्य का दरवाजा हमेशा के लिए खुला रहेगा. इसके अलावा जीवन में आर्थिक समृद्धि भी आएगी.

काली गाय की पूजा करें

शनिश्चरी अमावस्या के दिन काली गाय की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. यह भी ध्यान रखें कि काली गाय पर कोई अन्य निशान न हो. हिंदू धर्म में इसे श्याम गाय के नाम से भी जाना जाता है. पूजा के लिए 8 बूंदी के कलछी गौ माता को खिलाएं. इसके बाद इसकी 7 बार परिक्रमा करें. जब परिक्रमा पूरी हो जाए तो गाय की पूंछ से अपने सिर को 8 बार झाड़ें. इस उपाय को करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही सौभाग्य प्राप्त होता है.

काली उड़द दाल का उपाय

शनिश्चरी अमावस्या के दिन काली उड़द दाल का उपाय करने से जीवन में समृद्धि आती है. इसे एक दिन पहले यानी शुक्रवार की रात को करना होगा. इस दिन सवा मन काली उड़द की दाल को काले कपड़े में बांधकर सिरहाने रखकर सोना चाहिए. याद रखें कि उस दिन किसी को भी अपने पास न सोने दें. इसके बाद उस पोटली को शनिवार के दिन शनि मंदिर में रख दें. इसके बाद शाम के समय काले सुरमे की शीशी से व्यक्ति के सिर से पैर तक 9 बार वार लें और फिर उसे किसी सुनसान जगह पर जमीन में गाड़ दें. ऐसा करने से शनि ढैय्या और साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है.

नवग्रह मंदिर में शनिदेव की पूजा करें

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि अमावस्या के दिन नवग्रह मंदिर जाकर शनिदेव की पूजा करनी चाहिए. पूजा के बाद शनि चालीसा या दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें और शनि मंत्रों का जाप भी करें. इसके बाद शनिदेव को काले तिल, तेल और नीले फूल चढ़ाएं. ऐसा करने से जीवन में उन्नति होगी. आपको शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होगी. आपको शनिदोष से राहत मिलेगी.