Darbhanga News: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल शुक्रवार 29 नवंबर को दरभंगा में ‘सेंटर फॉर स्टडीज ऑफ ट्रेडिशन एंड सिस्टम्स’ (सीएसटीएस) के जरिए निर्मित बैटरी आधारित चल आटा चक्की सिस्टम का शुभारंभ किया. सीएसटीएस ने बैटरी चालित आटा चक्की सिस्टम विकसित किया है, जिसे ट्राइसाइकिल पर माउंट किया गया है. इससे दिव्यांगजन गांवों में गली-गली जाकर आटा, सत्तू और मसाले की पिसाई कर सकेंगे. एक तरफ जहां दिव्यांगजनों के लिए यह रोजगार का अवसर होगा वहीं, दूसरी ओर लोगों को स्वस्थ खाने का विकल्प भी उपलब्ध होगा.

इस अवसर पर निर्मला सीतारमण ने 10 लाभार्थियों को ट्राई साइकिल आधारित चक्कियां प्रदान की है. एक ट्राई साइकिल को तैयार करने में 1.20 लाख का खर्च आया है और इस योजना को आगे बढ़ाने की हमारी आकांक्षा है.

मोबाइल चक्की के पीछ प्रोफेसर सविता की सोच

बता दें कि इस पूरी मुहिम के पीछे मधुबनी की निवासी और दिल्ली यूनिवर्सिटी की सीवीएस की प्रोफेसर सह सीएसटीएस की फाउंडर प्रोफेसर सविता झा की सोच है. डॉ. सविता झा ने बताया कि, मोबाइल चक्की में रोजगार उत्पन्न करने की क्षमता है. इस चक्की के माध्यम से आटा, सत्तू, बेसन आदि तैयार कर खुद भी शुद्ध भोजन ले सकते हैं और दूसरे को भी दे सकते हैं. इससे रोजगार के साथ-साथ साक्षमता का भाव भी पैदा होता है. दिव्यांग लोगों को देने का उद्देश्य है कि वे खुद कुछ करने के लिए सक्षम हो जाएं.

एक बार चार्ज होने 3 घंटे काम करेगी मशीन

प्रोफेसर सविता ने बताया कि, सीएसटीएस ने ‘सक्षम मिथिला’ नामक एक ऐप भी विकसित किया है, जो उपभोक्ताओं को उनके निकटतम मोबाइल चक्की की सेवाएं बुक करने में मदद करेगा. यह ऐप पूरी तरह से स्वच्छता को ध्यान रखते हुए घर बैठे सुविधाएं प्रदान करता है.

उन्होंने कहा कि, इस मोबाइल ट्राइसाइकिल मिल में दो बैटरियां हैं, जिनमें एक बैकअप बैट्री है. इसकी क्षमता एक बार में तीन घंटे तक लगातार काम करने की है. इस विशेष ट्राइसाइकिल मिल से चना के अलावा गेंहू, मसाला को भी आराम से पीसा जा सकता है. बैट्री खत्म होने पर इसे रिचार्ज किया जा सकता है.

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अब खुद पर निर्भर होंगे दिव्यांग

लाभार्थी गुलाब कुमार पासवान ने बताया कि, विकलांग होने के कारण पहले दूसरे लोगों पर आश्रित रहना पड़ता था, लेकिन अब वह खुद का रोजगार कर कमाई कर सकेंगे और परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगे. उन्होंने कहा की, ट्राई साइकिल पर चक्की लगी हुई है, जो बैटरी से चलती है. इसे लेकर कहीं भी जाकर इससे कमाई कर सकते हैं. इस रोजगार से हम लोग काफी खुश हैं.

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