हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले में उच्च शिक्षा मंत्री ने इंदर सिंह परमार शामिल हुए। यहां उन्होंने शिक्षाविदों से भारतीय परंपराओं और शिक्षा पर चर्चा की। मंत्री परमार ने तुलसी के पास दीपक जलाने की परंपरा का महत्व बताते हुए इसके वैज्ञानिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी बताया।
हर घर में तुलसी का पौधा लगाने की परंपरा
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि हर घर में तुलसी का पौधा लगाने की परंपरा भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने बताया कि तुलसी को सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, और ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए घरों में लगाया जाता है। तुलसी के पास घी का दीपक जलाने से न केवल वातावरण शुद्ध होता है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को भी बढ़ाता है। उन्होंने इस परंपरा को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझने और आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
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उन्होंने कहा कि तुलसी के पास दीपक जलाने से ऑक्सीजन मिलती है, क्योंकि उस समय सूर्य की किरण नहीं पहुंच पाती इसलिए घी का दीपक लगाने की परंपरा है। इस परंपरा को युवाओं को बताना समझना अति आवश्यक है। मंत्री परमार ने कहा कि भारतीय दर्शन, ज्ञान और विज्ञान को एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने शिक्षाविदों से आग्रह किया कि वे भारतीय परंपराओं के पीछे छिपे वैज्ञानिक तथ्यों को छात्रों तक पहुंचाएं।
भारत ने हमेशा विश्व का मार्गदर्शन किया
उन्होंने कहा कि 2047 का भारत ऊर्जा और खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनकर विश्व का भरण-पोषण करने वाला देश बनेगा। यह लक्ष्य भारतीय किसानों, युवाओं और वैज्ञानिक सोच के माध्यम से हासिल किया जाएगा। मंत्री ने तुलसीदास जी की चौपाई का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने हमेशा विश्व का मार्गदर्शन किया है और यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने शिक्षाविदों से भारतीय परंपराओं को संरक्षित रखने और नई पीढ़ी को इसके महत्व से अवगत कराने का आह्वान किया।
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