Bronchitis Precautions Tips: सर्दियों में वीक इम्युनिटी वालों के लिए ब्रोंकाइटिस आम समस्या है. इस बीमारी में फेफड़ों की नलिकाओं में सूजन हो जाती है. इससे खांसी, सांस लेने में परेशानी, खराश और बलगम (कफ) जैसी शिकायतें होती हैं. अमूमन वायरस के कारण ब्रोंकाइटिस होता है. कई मामलों में प्रदूषण या धूम्रपान भी कारण पाए गए हैं. इसे घरेलू उपायों और इलाज दोनों के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है. घरेलू उपायों को अपनाने से दर्द और सूजन दोनों से राहत मिलती है. आईए जानते  घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं तो ब्रोंकाइ​टिस से राहत देते हैं.

भाप देती है बहुत राहत

ब्रोंकाइटिस मरीजों को भाप बहुत राहत देती है. इससे बंद नाक और गले की खराश में आराम मिलता है. इसके लिए गर्म पानी में नीलगिरी तेल की कुछ बूंदें या पुदीना तेल को डालकर, एक तौलिये से सिर ढककर भाप लें. ऐसा करने से बलगम ढीला होता है. दिन में 2 से 3 बार इसे दोहराएं.

हल्दी वाला दूध बढ़ाता है इम्युनिटी

हल्दी वाला गर्म दूध इस बीमारी में बहुत राहत देता है. हल्दी वाले दूध में करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व है, जोब्रोंकाइटिस के लक्षणों को कम करता है. रात को सोने से पहले हल्दीवाला गर्म दूध पीने से इम्यूनिटी भी बढ़ती है.

शहद और अदरक का करें सेवन

शहद और अदरक, दोनों की तासीर गर्म है. अदरक का रस निकालें, इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं. दिन में दो-तीन बार इसका सेवन करें. इससे गले की खराश, खांसी दोनों में राहत मिलती है.

नमक के पानी से गरारे करें

अगर, गले में खराश है या कफ है तो आप गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें. दिन में 2-3 बार इस उपाए को करने से आपको राहत मिलेगी. यह उपाए इंफेक्‍शन को बढ़ने से रोकता है.

तुलसी और मुलेठी की चाय प‍िएं

गले में किसी भी प्रकार के इंफेक्शन या ब्रोंकाइटिस से लड़ने के लिए तुलसी और मुलेठी बहुत कारगर हैं. क्योंकि इनमें इंफेक्शन के विपरीत औषधीय गुण पाए जाते हैं. बस करना यह है कि तुलसी के पत्ते और मुलेठी की जड़ को पानी में उबाल लें और इसे चाय की तरह ली लें. इससे फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर होगी. आपको बीमारी में आराम महसूस होगा.

ब्रोंकाइटिस के लिए आप टीबी एंड चेस्ट रोग एक्सपर्ट से सलाह लें, या इलाज करवाएं. मगर, इन घरेलू उपायों को भी आजमाकर देंखें. इससे आपको फर्क महसूस होगा. क्योंकि पूर्व के समय में इन्हीं उपायों को करके लोग ठीक हुआ करते थे. मगर, आज एलोपैथी के युग में लोग इन उपायों को करना भूल गए हैं. जबकि ये कारगर हैं.