कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। बीजेपी से राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी आज ग्वालियर पहुंचे। जहां वह मध्य भारत शिक्षा समिति के “प्रबोधन 2024-शून्य से शिखर तक” कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति और हिंदुत्व सहित तेजी से विकसित भारत बनने की तस्वीर के साथ वैश्विक लेवल पर भारत की मजबूती पर अपने संबोधन के जरिए प्रकाश डाला।

शून्य से शिखर तक कार्यक्रम में शामिल हुए सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी 
दरअसल, इस साल मध्य भारत शिक्षा समिति अपना 84वां स्थापना दिवस मना रही है। इस कड़ी में “प्रबोधन 2024-शून्य से शिखर तक” कार्यक्रम में हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेजी के जाने माने वक्ता राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। उन्होंने “भारतीय शिक्षा दर्शन एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उत्प्रेरक वातावरण एवं व्यवहारिक शिक्षा” विषय पर ऑडिटोरियम में मौजूद हजारों की संख्या में युवा, छात्र छात्राओं और समाज के प्रबुद्ध वर्ग को सम्बोधित किया। 

दीक्षा के अभाव में पाकिस्तान में पढ़े लिखे लोग बने आतंकवादी 

डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने अपने संबोधन की शुरुआत शिक्षा के साथ दीक्षा की जरूरत के साथ की। उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद सिर्फ शिक्षा पर जोर दिया गया। जबकि भारतीय संस्कृति कहती है कि शिक्षा के साथ दीक्षा जरूरी है। क्योंकि दीक्षा हमें सामाजिक व्यवहार सिखाती है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की खराब स्थिति के पीछे भी दीक्षा का ना होना है। क्योंकि वहां पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर सहित अन्य पढ़े-लिखे लोग दीक्षा के अभाव में बड़े-बड़े आतंकवादी बन चुके हैं। वहां आज खाने के लाले पड़े हैं और हम विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बनकर खड़े हैं। 

बांग्लादेश में सिर्फ जमाते इस्लामी दिख रही 

उन्होंने आगे कहा, बांग्लादेश की हालत भी इसी कारण अस्थिर हो गई। आज बांग्लादेश नेशनल पार्टी कहीं नहीं दिख रही है। सिर्फ जमाते इस्लामी दिख रही है। पूरी दुनिया भारत की ओर इसलिए देख रही क्योंकि देश तेजी से एक बार फिर विश्व गुरु बनने के लिए आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है। रूस, अमेरिका जैसे देश पीएम मोदी को विशेष आमंत्रण पर बुला रहे हैं। क्योंकि वह जानते हैं कि भारत की सनातन संस्कृति ही भविष्य में विश्व का नेतृत्व करेगी। 

जापान में सरस्वती माता की होती है पूजा

उन्होंने आगे कहा कि हमारे धर्म शास्त्रों में हर एक बात को वैज्ञानिक आधार पर पहले ही दर्शाया जा चुका है। प्राचीन जापान हो या चीन, वहां के दार्शनिक और उनकी लिखी किताबों में भारत को स्वर्ग का द्वार बताया गया है। बहुत सी जगह को मोक्षस्थली भी कहा गया है। जापान में तो हमारी सरस्वती माता की पूजा दूसरे रूप में ही सही पर की जाती है। भारत ने सबसे पहले शून्य की खोज की थी और आज शिखर पर पहुंचने जा रहा है।

छात्र-छात्राओं ने सामूहिक गीत और नृत्य की दी प्रस्तुति 
बता दे कि समिति द्वारा संचालित विद्यालय-महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सम्बोधन से पहले अहिल्याबाई होल्कर, पर्यावरण समस्या पर लघु नाटिका के साथ ही एकल एवं सामूहिक नृत्य, गीत की प्रस्तुति भी दी।

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