शब्बीर अहमद, भोपाल। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। इस बीच नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विवादित बयान दे डाला। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि अगर उनको ऐसा लगता है तो पहले मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ प्रजनन करें।

उमंग के बिगड़े बोल

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि देश में पहले बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। वर्तमान में युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है। देश की जनसंख्या कंट्रोल होनी चाहिए। अगर आप राजनीति के लिए जनसंख्या बढ़ाने की बात करना चाहते हैं तो पहले मोहन भागव, नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ प्रजनन करें।

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बीजेपी ने किया पलटवार

उमंग सिंघार के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष निचली राजनीति कर रहे हैं, उनको इस तरीके से बयान नहीं देना चाहिए था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देश और समाज के लिए अपने आप को समर्पित कर रखा है। आरएसएस प्रमुख ने जो बयान दिया है वो तथ्यों के आधार पर दिया है। आज देश में कई जगह पर डेमोग्राफी बदल रही है। इसके साथ-साथ कई देश है, जो बुजुर्ग होते जा रहे हैं, युवा नहीं है। इन तमाम चीजों को अध्यन करते हुए उनकी तरफ से ये बात कही गई थी।

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कम से कम 3 बच्चे होने चाहिए- मोहन भागवत

आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘जनसंख्या में गिरावट चिंता का विषय है। जब किसी समाज की जनसंख्या 2.1 से नीचे चली जाती है तो वह समाज पृथ्वी से खत्म हो जाता है। कोई संकट न होने पर भी वह समाज नष्ट हो जाता है। उस प्रकार अनेक भाषाएं और समाज नष्ट हो गये।’

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मोहन भागवत ने आगे कहा था कि ‘हमारे देश की जनसंख्या नीति 1998 या 2002 में तय की गई थी। लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि किसी समाज की जनसंख्या 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए। अब पाइंट वन तो इंसान जन्म नहीं ले सकता। इसलिये हमें दो से ज्यादा तीन की जरूरत है। यही जनसंख्या विज्ञान कहता है। फिर भागवत ने ये भी कहा था कि तीन तो होने ही चाहिए। यह संख्या महत्वपूर्ण है, क्योंकि समाज का बने रहना जरूरी है।’

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