विक्रम मिश्र, बलिया. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने प्रशासनिक अफसरों के संगठनों से अपील की है कि वह कार्यपालिका की मर्यादा बचाने के लिए उन अफसरों को अपनी जमात से बाहर करें जो संभल की खूनी घटना को अंजाम दिए हैं. जो सम्प्रदायिक ध्रुवीकरण और उसको धार देने के लिए संभल में नियोजित तरीके से पहले दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा किए, फिर गोलीबारी करवाकर पांच लोगों की जान ले लिए, जो सांसदों को भी संभल के पीड़ितों से नहीं मिलने दे रहे हैं. उन्होंने कहा है कि भारतीय लोकतंत्र में कार्यपालिका का एक सम्मानित स्थान रहा है. संभल की घटना में वहां तैनात अफसरों का आचरण उक्त स्थान और सम्मान को गहरी चोट पहुंचाने वाला है.

सोमवार को अपने आवास पर समाजवादी साथियों और पत्रकारों से बातचीत में राम गोविन्द ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार सभी मोर्चे पर फेल हो चुकी है. महंगाई जानलेवा स्थिति में पहुंच चुकी है. बेरोजगारी चरम पर है. रुपया अपने सबसे बुरे दौर में है. डबल इंजन की सरकार को समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करे. उन्होंने कहा है कि इस बदहाल स्थिति से लोगों का ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री बटेंगे तो कटेंगे का खेल खेल रहे हैं और उनके कुछ चहेते अफसर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए संभल जैसी दुर्भाग्य पूर्ण घटना को अंजाम दे रहे हैं. राम गोविन्द चौधरी ने कहा है कि संभल की घटना को आखिरी घटना नहीं समझे.

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सावधान रहने की जरुरत है- राम गोविन्द

राम गोविन्द ने कहा कि डबल इंजन की सरकार सूबे में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए इस तरह की घटनाएं और जगहों पर भी करेगी और कराएगी. इससे सावधान रहने की जरुरत है. उन्होंने कहा है कि जब से बीजेपी सरकार आई है देश और प्रदेश में मुसलमानों सहित अन्य अल्पसंख्यकों, पिछड़ों, दलितों और उनके फासिस्ट विचाराधारा से इक्तेफाक नहीं रखने वाले अगड़ों को प्रताड़ित कर रही है. मुकदमे और बुलडोजर का सहारा लेकर डरा रही है. जो अत्यंत ही चिंतनीय और निंदनीय है. बीजेपी समझ रही है कि यह प्रदेश केवल उनका और उनके द्वारा पोषित गुंडों का ही है. सरकार की इस समझ के खिलाफ प्रदेश के युवा पीढ़ी, छात्र, किसान व्यापारी अधिवक्ता सहित सभी वर्गों को जो जहां हैं, वहीं इस सरकारी साजिश के खिलाफ आवाज उठायें यह देश अब दूसरी संपूर्ण क्रांति मांग रहा है. अन्यथा आने वाली पीढ़ी वर्तमान को माफ नहीं करेगी.