CIBIL Score RBI Rules: क्रेडिट स्कोर को लेकर रिजर्व बैंक को काफी शिकायतें मिल रही थीं. इसी वजह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने अब तक सिबिल को लेकर 6 रूल्स बनाए हैं. अगर CIBIL स्कोर अच्छा है तो आपको आसानी से लोन मिल जाएगा. इसे अच्छा बनाए रखने के लिए आपको सिर्फ एक गलती करने से बचना होगा. यह गलती है पेमेंट डिफॉल्ट. रिजर्व बैंक की ओर से अब तक CIBIL स्कोर को लेकर 6 नए नियम बनाए गए हैं, जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा.

1- हर 15 दिन में अपडेट होगा CIBIL

इस नए नियम के मुताबिक अब ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा. यह नियम (CIBIL Score RBI Rules) 1 जनवरी 2025 से लागू होगा. ग्राहकों का CIBIL स्कोर हर महीने की 15 तारीख और महीने के आखिर में अपडेट किया जा सकेगा (CIBIL Score RBI Rules). इसका फायदा यह होगा कि लोगों का सिबिल स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा. बैंकों को किसी को भी लोन देने में सही फैसला लेने में मदद मिलेगी. साथ ही लोगों को अपने खराब सिबिल को जल्द सुधारने का मौका मिलेगा और लोगों को फायदा भी होगा. Read More – Bhool Bhulaiyaa 3 का नया पोस्टर आया सामने, दीवाली पर खुलेगा तंत्र और मंत्र के साथ बंधा दरवाजा …

2- सिबिल चेक की जानकारी ग्राहक को भेजनी होगी

केंद्रीय बैंक ने सभी क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों से कहा है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो उसकी जानकारी उस ग्राहक को भेजना जरूरी है. यह जानकारी एसएमएस या ईमेल के जरिए भेजी जा सकती है. दरअसल, क्रेडिट स्कोर को लेकर कई शिकायतें सामने आ रही थीं, जिसके चलते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह फैसला लिया है.

3- रिक्वेस्ट रिजेक्ट करने की वजह बताना जरूरी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, अगर किसी ग्राहक की रिक्वेस्ट रिजेक्ट होती है तो उसे इसकी वजह बताना जरूरी है. इससे ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि उसकी रिक्वेस्ट क्यों रिजेक्ट की गई है. अनुरोध को अस्वीकार करने के कारणों की सूची बनाकर उसे सभी क्रेडिट संस्थानों को भेजना आवश्यक है.

4- ग्राहकों को साल में एक बार निःशुल्क पूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट उपलब्ध कराएं

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, क्रेडिट कंपनियों को अपने ग्राहकों को साल में एक बार निःशुल्क पूर्ण क्रेडिट स्कोर उपलब्ध कराना चाहिए. इसके लिए क्रेडिट कंपनी को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक प्रदर्शित करना होगा. ताकि ग्राहक अपनी निःशुल्क पूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट आसानी से देख सकें. इससे ग्राहकों को साल में एक बार अपना सिबिल स्कोर और पूरा क्रेडिट इतिहास पता चल जाएगा. Read More – 1 साल बाद Honey Singh को आई बहन की याद, सरप्राइज देने मेलबर्न पहुंचे सिंगर …

5- डिफॉल्ट की रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को सूचित करना आवश्यक है

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, यदि कोई ग्राहक डिफॉल्ट करने जा रहा है, तो डिफॉल्ट की रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को सूचित करना आवश्यक है. लोन देने वाली संस्थाओं को एसएमएस/ई-मेल भेजकर सभी जानकारी साझा करनी चाहिए. इसके अलावा बैंकों और लोन देने वाली संस्थाओं को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए. नोडल अधिकारी क्रेडिट स्कोर से जुड़ी समस्याओं को हल करने का काम करेगा.

6- शिकायतों का समाधान 30 दिन के भीतर होना चाहिए

अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन के भीतर ग्राहक की शिकायत का समाधान नहीं करती है तो उसे 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा. यानी जितनी देरी से शिकायत का समाधान होगा, जुर्माना उतना ही ज्यादा होगा. लोन देने वाली संस्था को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय मिलेगा. अगर बैंक 21 दिन के भीतर क्रेडिट ब्यूरो को सूचना नहीं देता है तो बैंक को जुर्माना देना होगा. अगर बैंक की सूचना के 9 दिन बाद भी शिकायत का समाधान नहीं होता है तो क्रेडिट ब्यूरो को जुर्माना देना होगा.