अगरतला। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में सोमवार (2 दिसंबर 2024) को बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग परिसर पर हुए हमले ने कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. इस घटना के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे “बेहद अफसोसजनक” बताते हुए बांग्लादेश उच्चायोग और उसके सहायक उच्चायोगों की सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया है.
यह घटना उस समय हुई जब अगरतला में हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले एक विशाल रैली निकाली गई. इस रैली का आयोजन इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को रोकने की मांग को लेकर किया गया था.
विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय ने इसपर कहा कि अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में परिसर में घुसपैठ की आज की घटना बेहद दुखद है. किसी भी परिस्थिति में राजनयिक और वाणिज्य दूतावास की संपत्तियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. सरकार नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग और देश में उनके उप/सहायक उच्चायोगों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए कार्रवाई कर रही है.
हिंदुओं पर हमलों का विरोध
रैली का आयोजन करने वाले विश्व हिंदू परिषद (VHP) के त्रिपुरा सचिव शंकर रॉय ने कहा कि इस्कॉन के चिन्मय प्रभु ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई थी और उन्हें झूठे आरोपों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. उन्होंने मांग की कि सरकार को बांग्लादेश सरकार से चिन्मय दास की बेगुनाही और हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ तत्काल कदम उठाने की अपील करनी चाहिए.