केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बताया कि आने वाले वर्षों में बोर्ड की शैक्षणिक शाखा विभिन्न विषयों में दो स्तरीय परीक्षा पैटर्न पर काम करेगी. यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत किया जा रहा है, सीबीएसई बोर्ड ने इस बार 10वीं और 12वीं के परीक्षणों को फरवरी, 2025 में शुरू किया जाएगा. इस बार परीक्षा पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जिसमें 50% सवाल योग्यता पर आधारित होंगे और बाकी उत्तर छात्रों को अपने विवेक से देने होंगे. इस तरह के परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने का मुख्य उद्देश्य छात्रों में छिपी हुई क्षमता को विकसित करना है, क्योंकि ऐसे प्रश्नों का उत्तर सिर्फ वे विद्यार्थी दे सकते हैं जो प्रश्नों को अच्छी तरह समझते हैं और अपनी क्षमता के अनुसार उत्तर दे सकते हैं.
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CBSE के सूत्रों ने बताया वर्तमान में यह पैटर्न गणित विषय के लिए लागू किया जा चुका है, जो कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा का एक हिस्सा है, वर्तमान में इस पैटर्न को लागू करने के लिए पहले ही कई चरणों की परामर्श बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें इस योजना को विस्तृत रूप से विचार-विमर्श किया गया है, इससे छात्र अपनी क्षमता और समझ को बेहतर तरीके से मापा जा सकेगा, परीक्षा का कठिनाई स्तर अपनी योग्यता के अनुसार चुन सकेंगे.
12वीं और 10वीं दोनों कक्षाओं में बदलाव
10 वीं कक्षा में CBSE बोर्ड के परीक्षा फॉर्मेट में पिछले वर्ष की तरह 50 % सवाल योग्यता पर आधारित होगा, जबकि 12 वीं कक्षा में बड़ा बदलाव किया गया है, जिसमें 50 प्रतिशत प्रश्न योग्यता पर आधारित होंगे. पिछले वर्ष केवल 40% प्रश्न योग्यता पर आधारित थे, लेकिन अब 50% प्रश्न मल्टी चॉइस क्वेश्चन होंगे. ये प्रश्न केस-आधारित और सोर्स-बेस्ड इंटीग्रेटेड सवालों में योग्यता-आधारित सिचुएशंस में शामिल होंगे. इसलिए विषय को गहराई से समझें और समस्या हल करने के तरीकों पर फोकस करें.
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छात्र अपना क्षमता और योग्यता के अनुसार परीक्षा दे सकेंगे
CBSE इस पैटर्न को विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे अन्य महत्वपूर्ण विषयों में लागू करने की योजना बना रहा है. इसका उद्देश्य यह है कि छात्रों को उनके क्षेत्र में बेहतर अवसर मिलें और अपनी क्षमताओं के अनुसार परीक्षा में भाग लें. यह प्रस्ताव अभी तक बोर्ड की गवर्निंग बॉडी में नहीं पहुँचा है, इसलिए यह सर्वोच्च निकाय से अनुमोदित होने के बाद ही लागू किया जा सकेगा. इसके बाद, छात्रों को उनके लिए उपयुक्त कठिनाई स्तर के आधार पर एक नई व्यवस्था के तहत परीक्षा देने का मौका मिलेगा.
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NCERT तैयार करेगा किताबें
लेकिन इस सुझाव को लागू करने के लिए एक और चुनौती सामने आ रही है. परीक्षा के 2 स्तरों को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम में भी बदलाव की आवश्यकता होगी. नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT), जो पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का निर्माण करता है, इस काम को करना है. NCERT को पाठ्यपुस्तकों में परिवर्तन करना होगा, ताकि दोनों स्तरों में सही पाठ्य सामग्री और विषयों का चयन किया जा सके.
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