सोहराब आलम/मोतिहारी: आज हम सभी 21वीं सदी में जी रहे है और समाज में अंधविश्वास इस कदर हावी है कि कई लोगों की जान तांत्रिक और ओझा के कारण चली जा रही है. अंधविश्वास जैसी कुरीति के कारण मोतिहारी के जीवधारा रघुनाथपुर में 12 वर्ष के सुमन की जान चली गई है. रघुनाथपुर के सरोज देवी का हंसते खेलते बेटे की अचानक तबीयत खराब हो गई और डॉक्टर के पास जाने के बजाय वह यूपी बरेली से गांव में आये 18 वर्षीय राहिल खान तांत्रिक के पास पहुंच गई, जहां झाड़-फूंक शुरू हुआ और अंत में बच्चों की मौत भी हो गई.
‘खुद को बता रहा है बड़ा तांत्रिक’
दरअसल, जब स्थिति और खराब हुई, तो बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास लाया गया, जहां डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. वही बच्चे के साथ आया तांत्रिक लगभग 17-18 साल का दिख रहा था, लेकिन खुद को वह बड़ा तांत्रिक बता रहा था और बच्चे पर भूत प्रेत की काली साया और डायन की काली नजर होने का दावा कर रहा है. बार-बार सवाल करने पर वह यही बात कह रहा है कि इस बच्चे पर भूत प्रेत का साया था. उसने दावा किया कि बच्चे ने मरने से पहले हमसे बात की थी. हमने इलाज भी किया, लेकिन डायन ने बच्चों को बिस्कुट खिलाया और अपने आगोश में ले लिया. बरेली से आया राहिल खान खुद को बड़ा तांत्रिक बता रहा है और क्योंकि ठीक करने का दावा भी कर रहा है.
‘हमारे बेटे को डायन खा गई’
राहिल खान साफ तौर पर बार-बार बोल रहा है कि हमने कई बच्चों को ठीक भी किया है और डायन ने इस बच्चे को बिस्किट खिलाया था जिसके बाद बच्चे की स्थिति खराब हो गई और बच्चे की मौत हो गई है. गावों में अंध विश्वास इस कदर है कि अभी भी गांव के लोग बीमारी होने पर शहर में डॉक्टर के पास जाने के बजाय ओझा और तांत्रिक के पास जाते हैं, जिससे कई लोगों की जान चली जाती है. हाथ में लिए बच्चों को लेकर बार-बार चिल्ला रही है, रो रही है और कह रही है कि हमारे बेटे को डायन खा गई है.
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