स्वर्ण मंदिर में गोलीबारी की कहानी पुरानी, कई साल पहले भी बिछ चुकी हैं लाशें
पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर गोल्डन टेंपल में गोली चलाई गई.
जिसमें वह बच गए. इससे पहले भी गोलड्न टेंपल में हो चुकी है ऐसी वारदात.
जिस वक्त
पूर्व उप मुख्यमंत्री
यह हमला हुआ उस वक्त सुखबीर सिंह बादल स्वर्ण मंदिर यानी
हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा के बाहर सेवादार के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे
आज से तकरीबन 39 साल पहले यानी साल 1984 में अमृतसर का गोल्डन टेंपल दहल गया था.
सिख धर्म की आस्थाओं से जुड़ा यह महत्वपूर्ण स्थान आतंकवादियों का डेरा बन गया था.
उस आतंकवादी के खात्मे के लिए कई लोगों की जानें भी गईं. जिसमें भारत के जवान भी शामिल थे.
खालिस्तानी समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाला और उसके साथियों ने अमृतसर के गोल्डन टेंपल पर का अपना कब्जा जमा लिया था.
भिंडरावाले से गोल्डन टेंपल को आजाद करवाने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था.
पूरे ऑपरेशन में 83 सैनिक भी शहीद हुए, जबकि 239 घायल हुए
आंकड़ों के मुताबिक कुल 493 लोगों की और मौत हुई थी जिसमें भिंडरावाला भी शामिल था.
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