गोल्डन टेंपल में शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने वाले आरोपी नारायण सिंह चौरा का डोजियर सामने आया है, जिसमें कई गंभीर अपराधों का खुलासा हुआ है, नारायण सिंह चौरा के खिलाफ पंजाब के विभिन्न इलाकों में 31 मामले दर्ज हैं, जिसमें हत्या, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक एक्ट और UAPA जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. पुलिस ने इस आतंकी से पूछताछ करने के बाद 31 अपराधों की लिस्ट जारी की है, जिनमें से अधिकांश हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज हैं. खालिस्तान समर्थक इस आतंकी की क्राइम कुंडली में दर्ज सभी अपराध हत्या या हत्या के प्रयास के हैं.

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अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के गेट पर धार्मिक सजा काट रहे सुखबीर बादल पर भी हत्या की ही नीयत से इसने फायरिंग की थी. सौभाग्य से सुखबीर बादल बच गए. उस समय मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इसे गिरफ्तार कर लिया था. पंजाब पुलिस ने कहा कि अब तक की जांच में इस आतंकी नारायण सिंह चौरा की सुखबीर बादल से कोई दुश्मनी नहीं मिली है, इसलिए उसे धार्मिक हिंसा का बदला लेने के लिए हमला किया गया था.
नारायण सिंह चौरा नामक आतंकी ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के गेट पर धार्मिक सजा काट रहे सुखबीर बादल पर भी हत्या की ही नीयत से फायरिंग की थी, लेकिन गनीमत रही कि सुखबीर बादल बच गए. पंजाब पुलिस की अब तक की जांच में पता चला है कि सुखबीर बादल ने धार्मिक हिंसा का बदला लेने के लिए हमला किया था. अब तक की जांच में पुलिस ने पाया कि यह आतंकी बब्बर खालसा और दल खालसा सहित खालिस्तान समर्थक कई संगठनों से जुड़ा हुआ है. यह पाकिस्तान भी गया था और 1984 में गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही लेखन पर लेख लिखा था.

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नारायण चौरा प्लेन हाईजैक गिरोह का सदस्य है

पंजाब पुलिस के एडीसीपी हरपाल सिंह ने बताया कि नारायण चौरा का जन्म 4 अप्रैल 1956 को गुरदासपुर जिले के थाना डेरा बाबा नानक इलाके के चौड़ा गांव में हुआ था. 2004 में चंडीगढ़ जेल ब्रेक कांड में चार खालिस्तानी आतंकी फरार हो गए थे. यह आतंकी खालिस्तानी आतंकी गजिंदर सिंह, जो भारत सरकार द्वारा घोषित टॉप 20 आतंकियों की सूची में था, और इंडियन एयर लाइंस के विमान को हाईजैक करने वाले आतंकी संगठन दल खालसा का सक्रिय सदस्य था. 28 फरवरी, 2013 से वह अमृतसर सेंट्रल जेल में पांच साल तक गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत बंद है.

अब तक कुल 31 मुकदमे ट्रैस हुए

पंजाब पुलिस ने बताया कि इस आतंकी के खिलाफ पहला मामला 7 जून 1990 को पंजाब के बटाला में मर्डर का था. इसके खिलाफ 17 अप्रैल 1991, 21 अप्रैल 1991, 4 मई 1991 और 5 अगस्त 1991 को बटाला के डेरा बाबा नानक थाने में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. इस आतंकी के खिलाफ 31 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास और विस्फोटक अधिनियम समेत अन्य बातें शामिल हैं. इस आतंकी को 5 साल की सजा भी दी गई है.

साथ ही, आरोपी ने 2017 से 2018 तक अमृतसर जेल में बिताया था, जहां वह हत्या और विस्फोटक मामलों में आरोपी था. इसके बाद भी, उसके खिलाफ कई नए मामले दर्ज हुए, जिनमें आर्म्स एक्ट, एक्सप्लोसिव एक्ट और UAPA जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. पुलिस अब आरोपी की पूरी हिस्ट्री की जांच कर रही है, ताकि उसके अपराध नेटवर्क का पूरा खुलासा हो सके.

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