Vivah Panchami: त्रेता काल से ही भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या और माता जानकी की जन्मस्थली सीतामढी यानी मिथिला का अटूट संबंध रहा है. मिथिला का पूरा क्षेत्र भगवान श्रीराम की ससुराल कहा जाता है. इसीलिए मिथिला के लोग भगवान श्रीराम को अपना बहनोई यानी पाहुन मानते हैं. आज भी किसी भी शादी या अन्य समारोह में श्रीराम के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है. यह परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है जो द्वापर युग के बाद कलियुग में भी जारी है.

विवाह पंचमी के दिन भी महिलाएं श्रीराम और सीता के विवाह के उपलक्ष्य में ये गाली गीत गाएंगी. इस बार 6 दिसंबर को मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शुक्रवार है. पंचमी तिथि शुक्रवार को दोपहर 12.09 बजे तक रहेगी. 6 दिसंबर को सुबह 10.43 बजे तक ध्रुव योग रहेगा. साथ ही शुक्रवार शाम 5.19 बजे तक श्रवण नक्षत्र रहेगा. इसके अलावा श्रीराम विवाह उत्सव यानी विवाह पंचमी 6 दिसंबर को है.

यह परंपरा आज भी निभाई जाती है

हर साल विवाह पंचमी के अवसर पर बारात अयोध्या से शुरू होकर सीतामढी और जनकपुर पहुंचती है। मिथिला की महिलाएं राजा रामचन्द्रजी की बारात में आये हुए अयोध्यावासियों को गालियाँ देती हैं। इसके अलावा अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भगवान श्री राम और जगत जननी माँ जानकी के नाम पर भजन और कीर्तन शामिल होते हैं, जो बहुत ही मनमोहक होते हैं।

जीजा-साले का रिश्ता (Vivah Panchami)

अयोध्या और मिथिला के बीच जीजा-साले का रिश्ता है. जिसके कारण आज भी मिथिलांचल की महिलाएं विवाह समारोहों में भगवान श्री राम की निंदा करने वाले गीत गाती हैं. उन्होंने कहा कि यह परंपरा हर साल निभाई जाती है.