Rajasthan High Court: राजस्थान के चर्चित एकल पट्टा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज फिर से राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव की एकलपीठ में यह सुनवाई हुई। कोर्ट ने अशोक पाठक को इंटरविनर बनने के आवेदन पर 3 सप्ताह का समय दिया और राज्य सरकार सहित तीन अधिकारियों को भी 3 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने के निर्देश दिए।

इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी के आखिरी सप्ताह में होगी, जिसके बाद से नियमित सुनवाई शुरू होगी। अब इस मामले में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता शांति धारीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पहले राज्य सरकार ने अप्रैल 2024 में शांति धारीवाल सहित तीन अन्य लोगों को इस मामले में क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन बाद में सरकार ने इस फैसले पर यू-टर्न ले लिया।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट पेश करते हुए कहा था कि इन सभी पर मामला बनता है। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कहा कि एसीबी की क्लोजर रिपोर्ट शांति धारीवाल और अन्य अधिकारियों से प्रभावित थी, और जांच अधिकारी ने वरीय अधिकारियों और कानूनी विशेषज्ञों से सलाह नहीं ली थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को मामले की फिर से सुनवाई करने के आदेश दिए और छह महीने के भीतर निर्णय लेने को कहा।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 29 जून 2011 का है, जब जयपुर विकास प्राधिकरण ने गणपति कंस्ट्रक्शन के मालिक शैलेन्द्र गर्ग के नाम पर पट्टा जारी किया। आरोप है कि इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ, क्योंकि पुराने रिजेक्शन की जानकारी जुटाए बिना नया पट्टा जारी किया गया। परिवादी रामशरण सिंह ने 2013 में इसकी शिकायत एसीबी से की थी। मामला बढ़ने पर तत्कालीन गहलोत सरकार ने पट्टा रद्द कर दिया था।
इस मामले में तत्कालीन एसीएस जीएस संधू सहित छह आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी, और एसीबी ने शांति धारीवाल से भी पूछताछ की थी। बाद में, परिवादी ने शांति धारीवाल को भी आरोपी बनाने के लिए हाई कोर्ट में आवेदन दिया। इस पर हाई कोर्ट ने धारीवाल को राहत देते हुए एसीबी कोर्ट में चल रही प्रोटेस्ट पिटिशन और अन्य आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने का आदेश दिया था।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को पलटते हुए हाई कोर्ट को मामले की पुनः सुनवाई के आदेश दिए। अब सभी पक्षों के जवाब के बाद ही इस मामले में आगे की स्थिति स्पष्ट होगी।
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