हरिओम श्रीवास मस्तूरी- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकार गरीबों को सस्ते मूल्य पर अनाज, शक्कर, मिट्टी तेल उपलब्ध करा रही है. सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना पर सरपंच और सेल्समैन उनके  कर्मचारियों ही पलीता लगा रहे हैं. इससे लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. पूरा मामला मस्तूरी जनपद के ग्राम पंचायत कर्रा का हैं. जहां चल रहे शासकीय उचित मूल्य की दुकान में हितग्राहियों को मिलने वाली राशन में भारी अनियमितता बरती जा रही हैं. जब राशन वितरण कर रहे कर्मचारी शक्कर को 20 प्रति किलो और मिट्टी तेल (केरोसीन) 40 प्रति लीटर के दर से बेच रहा, जबकि निर्धारित कीमत कम है.

सेल्समैन ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए ज्यादा पैसा ले रहे हैं. वही चावल जिसे हमारे अन्नपूर्णा मानते हैं, जिसे वहां पर पूरे जमीन में बिखरा दिया है और उसे रौंद रहे हैं और उसी चावला को हितग्राहियों में बांट रहे. इस वीडियो में साफ देखा जा सकता हैं और इस संबंध जनाकारी लेने की कोशिश की गई, जिसके बाद दुकान को बन्द कर अपने घर निकल गए.

हितग्राहियो का राशन कार्ड और पैसा अपने पास जमा करवा लिया है. सभी हितग्रही सुबह से भूखे प्यासे सेल्समैन का इंतजार घंटों करते रहे लेकिन कोई नहीं आ रहे हैं. ऐसे में गड़बड़ी होने का आशंका जताया जा रहा हैं. वहीं कई हितग्राहियों से राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए पैसा भी लिया गया है. इतना ही नहीं इलेक्ट्रॉनिक तौल को भी वह अपने घर ले कर चला गया था.

लोगों ने बताया कि दुकान संचालक इसके बाद भी लोग राशन के लिए पूरे भटकते रहते हैं. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकार गरीब लोगों को सस्ते मूल्य पर अनाज उपलब्ध करा रही है, लेकिन कर्रा में इसका पालन नहीं हो रहा है. राशन दुकान का संचालन सरपंच द्वारा गांव के ही मनोज कौशिक को संचालन करने का जिम्मा दे दिया है. विक्रेता द्वारा गरीब हितग्राही के खाद्यान में ही डांका डाल रहे हैं.