राष्ट्रीय लोक दल (RLD) से मीरापुर की नवनिर्वाचित विधायक मिथलेश पाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पांच साल पुराने मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में उनके खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. ये मामला दंगा भड़काने, बंधक बनाने, और यातायात बाधित करने से जुड़ा हुआ है. विशेष सांसद-विधायक अदालत में मिथलेश पाल और 14 अन्य आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों के साथ दंगा), और 342 (बंधक बनाना) के तहत आरोप तय किए गए हैं.
बता दें कि मामला 25 फरवरी 2019 को सिविल लाइंस थाने में दर्ज किया गया था, जिसमें विधायक और उनके साथ 14 अन्य लोगों पर आरोप लगे थे. हाल ही में 23 नवंबर को मीरापुर सीट से उपचुनाव में जीतकर विधायक बनीं मिथलेश पाल की अगली सुनवाई 3 जनवरी 2025 को तय की गई है.
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मिथलेश पाल ने पहले भी मीरापुर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन 2012 और 2017 में वे हार गई थीं. 23 नवंबर को उपचुनाव में राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर उन्होंने जीत हासिल की थी. अब इस मामले के चलते विधायक की स्थिति पर असर पड़ सकता है साथ ही उनकी कानूनी मुश्किलें भी बढ़ सकती है.
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